जिसके बाद उनके पति ने उन्हें इग्नोर करना शुरू कर दिया . साथ ही परिवार के लोगों ने भी ताने मारने शुरू कर दिए थे.
(तस्वीर- फेसबुक से ली गई है)
रूबी उन महिलाओं में नहीं थी जो ताने सुनरकर एक कोने में बैठकर खुद को कोसें. उन्होंने इस समस्या का हल निकाला.
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रूबी का एक 6 साल का बेटा है. बेटा होने के बाद उनका काफी वजन बढ़ गया था.
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अपना वजन कम करने के लिए उन्होंने सबसे पहले चलना शुरू किया. उन्होंने बताया - ''मैंने चलने से ही काफी वजन कम कर लिया था'. अब जरूरत थी बॉडी को शेप में लाने की.
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उनके मन में फिट होने की जिद थी. उन्होंने बताया- 'मैंने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया था, जिसके लिए मैं कुछ भी करने के लिए तैयारी थी.
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कड़ी मेहनत के बाद रूबी की मेहनत रंग लाई और फिटनेस चैंपियन बन गई हैं.
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आज वह देश के लिए मेडल जीत रही हैं.
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ऐसे में मैंने जुंबा की क्लास लेना शुरू कर दिया और बॉडीबिल्डिंग की.
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आपको बता दें, रूबी ने असम और केरल में बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता नेशनल लेवल पर मेडल जीते हैं. ये उनकी जिंदगी का सबसे बेहतरनी पल था.
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तमिलनाडु से बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली वह पहली महिला हैं.
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आज रूबी बॉडी बिल्डर के तौर पर जानी जाती है, उनके इस सफर में कोच कार्तिक का काफी योगदान रहा है.
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