आज इंजीनियर्स डे हैं. इसी मौके पर हम आपको
भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के ऐसे खिलाड़ियों के बारे
में बताने जा रहे हैं जो कभी इंजीनियर थे, लेकिन
बाद में इंजीनियरिंग के करियर को छोड़कर क्रिकेट की पिच पर
अपना नाम चमकाया.
इरापल्ली प्रसन्ना (EAS
Prasanna)
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर इरापल्ली
अनंतराव श्रीनिवास प्रसन्ना (EAS
Prasanna) क्रिकेट में करियर बनाने से
पहले इंजीनियरिंग कर चुके हैं. उन्होंने नेशनल
इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर (NIE
University) से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन
की है.
वहीं उन्होंने कहा कि क्रिकेट के करियर में मेरी
डिग्री ने मुझे बायोमैकेनिक्स और वायुगतिकी को
समझने में मदद की.
श्रीनिवासाराघवान वेंकटराघवन (S
Venkataraghavan)
एस. वेंकटराघवन ने 2 वर्ल्ड कप में कप्तान की भूमिका
निभाई थी. उन्हें एक अंपायर के रूप में अधिक जाना
जाता है. उन्होंने 1970 के दशक में भारत का
प्रतिनिधित्व करते हुए क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम रोशन
किया था. बता दें, उन्होंने चेन्नई में कॉलेज ऑफ़
इंजीनियरिंग, गिंडी से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी.
कृष्णामाचारी श्रीकांथ
1980 के दशक के तेजतर्रार बल्लेबाज, कृष्णमाचारी
श्रीकांत ने चेन्नई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, गिंडी
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री हासिल की
थी. अपने कॉलेज के दिनों में वह क्रिकेट खेलते थे
लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि कॉलेज
के लास्ट ईयर से पहले वह टेस्ट क्रिकेटर बन सकते
हैं.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान के कृष्णमाचारी श्रीकांत को आजकल भी लोग माइक पकड़े कमेंट्री करते देखते हैं. 1983 में वह विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे. उन्होंने ओपनिंग बैट्समैन के तौर पर भारत को मैच जिताए थे.
अनिल कुंबले
अनिल कुंबले 619 टेस्ट और 337 एकदिवसीय विकेटों के साथ भारत के लिए सबसे अधिक
विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. वह भी इंजीनियरिंग के
स्टूडेंट रह चुके हैं. राष्ट्रीय विद्यालय कॉलेज ऑफ
इंजीनियरिंग, बैंगलोर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में
बी.ई. की डिग्री हासिल की है.
“कुंबले ने एक बार शिक्षा के महत्व के बारे में बात
करते हुए कहा था - शिक्षा अच्छे और बुरे को
संतुलित करने में मदद करता है. क्रिकेट में, आप
सफलता की गारंटी नहीं दे सकते, ऐसे में शिक्षा ही है
जो आपकी मदद जिंदगी के हर पड़ाव पर करती है.''
जवागल श्रीनाथ
जब लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज की बात
करते हैं, तो जवागल श्रीनाथ का नाम सबसे ज्यादा
बार आता है. उन्होंने श्री जयचामा राजेंद्र कॉलेज ऑफ
इंजीनियरिंग, मैसूर से इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नोलॉजी में
बी.ई. की डिग्री हासिल की है. एक क्रिकेटर के रूप में
उनका करियर चमका और फिर बाद में एक मैच रेफरी के
रूप में उन्होंने एक और पारी खेली. क्रिकेट के दौरान उन्होंने अपने
साथी अनिल कुंबले की तरह शिक्षा के महत्व को नहीं
भुलाया.
रविचंद्रन अश्विन
अपनी ऑफ स्पिन से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को नचा
चुके भारत के स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने
SSN कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, चेन्नई से इंफॉर्मेशन
टेक्नोलॉजी में बीटेक की डिग्री ली है. ग्रेजुएशन पूरी
होने के बाद उन्होंने क्रिकेट में अपना करियर शुरू कर दिया था.
वहीं पाकिस्तान के क्रिकेटरों ने भी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. बता दें, पाकिस्तान टीम के कप्तान सरफराज अहमद टीम के मजबूत बल्लेबाज के तौर पर स्थापित हैं. वह इस साल वर्ल्ड कप 2019 खेल चुकी सभी 10 टीमों के कप्तानों में से सबसे ज्यादा एकेडमिक क्वालीफाइड हैं. सरफराज ने दाउद यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की है. उनकी अगुवाई में पाकिस्तान टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में भारत के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.
पाकिस्तान के दाएं हाथ के बल्लेबाज राशिद लतीफ ने भी NED यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर सिस्टम इंजीनियर के रूप में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. यहां से वे क्रिकेट के मैदान पर गए तो पाकिस्तान के लिए 37 टेस्ट मैच खेले. राशिद ने 28.77 की औसत से 1381 रन बनाए. उन्होंने एक क्रिकेटर के तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी योगदान दिया.
क्यों मनाया जाता है इंजीनियर डे
भारत में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर डे
मनाया जाता है. आज ही के दिन महान इंजीनियर
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था. उन्हीं का जन्मदिन इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है.