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IAS इंटरव्यू में पूछा- भारत नाखुश देश है, आप सहमत हैं? कैंडिडेट ने दिया ये जवाब

aajtak.in
  • 21 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST
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यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा पास कर ली है और इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं तो आपको कई मॉक इंटरव्यू देने चाहिए जिसमें आपकी सही प्रैक्टिस होगी. ऐसा ही एक इंटरव्यू यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले विकास सुंदा ने दिया.  जिसमें उनसे कई प्रकार के सवाल पूछे गए थे.  UPSC परीक्षा में उनकी साल 2017 में 584 रैंक आई थी.

फोटो- फेसबुक

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इंटरव्यू लेने वाले मेंबर ने पूछा कि आप JNU के छात्र रहे हैं और JNU हाल फिलहाल में कुछ अच्छी वजह से खबरों में नहीं रहा. JNU को लेकर जो देशभर में छवि बनी है या बनाई गई है. आप इससे कितना सहमत है. क्या JNU में वाकई सबकुछ वैसा होता है जैसा अखबारों और टीवी चैनलों पर दिखाई देता है?

इस पर विकास ने जवाब दिया. मीडिया में JNU की जो प्रचलित छवि है, मैं उससे बिल्कुल सहमत नहीं हूं.



फोटो- दृष्टि IAS

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उनसे पूछा गया कि आपका अनुभव क्या कहता है. विकास ने जवाब देते हुए कहा- सर मेरा अनुभव ये है कि आप JNU में किसी भी स्तर पर वाद- विवाद कर सकते हैं. ऐसे मैं JNU को एक आदर्श संस्थान के रूप में देखता हूं. मीडिया में जो छवि बनाई गई है मैं उससे सहमत नहीं हूं.

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विकास से पूछा क्या आप IAS इसलिए बनना चाहते हैं ताकि शासक बन सके?

उन्होंने जवाब देते हुए कहा-  बचपन से कहीं न कहीं मन में था कि सिविल सर्विसेज में जाऊंगा.

फोटो- फेसबुक

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इसी के साथ उन्होंने बताया कि अखबार में पढ़ते थे कि कलेक्टर जी  दौरे पर है तो सब चीजें सामान्य होने लगी. हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हल हो गई. सरकारी स्कूल में अध्यापक समय पर पहुंचने लगे. अखबार पढ़ते समय ऐसा लगता था कि कलेक्टर वो चीज है जो सब कुछ ठीक कर सकता है.

साथ ही कलेक्टर को समाज में काफी सम्मान भी मिलता था समाज में जिसकी वजह से कहीं ने कहीं मेरे मन में ख्याल आता था मुझे इनके जैसा बनना है.

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विकास ने बताया कि जब मुझे यूपीएससी परीक्षा के बारे में मालूम चला तो मैं जानता था कि ये कठिन परीक्षा है जिससे पास करना आसान नहीं होता. लेकिन जब मैंने JNU में प्रवेश लिया तो महसूस हुआ कि आम इंसान भी इस परीक्षा को पास कर सकता है.

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दृष्टि IAS के अनुसार विकास से पूछा गया कि भारत में कहा जाता है कि "India is a growing economy but an unhappy nation". क्या आप सहमत है.

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विकास ने बताया कि मैं इस बात से सहमत हूं. विकास ने बताया कि इकोनॉमिक ग्रोथ खुशी का कारण नहीं हो सकती है. किसी भी देश के लोग तभी खुश होते हैं जहां संतुष्टि का स्तर अच्छा हो. साथ ही मानसिक शांति का होना जरूरी है. जिसकी कमी भारत में अभी भी है.

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