नेशनल टेंस्टिंग एजेंसी (NTA) ज्वाइंट एंट्रेंस परीक्षा (JEE) आयोजन सितंबर में करेगी. वहीं दूसरी ओर सीबीएसई ने अभी तक 12वीं के परिणाम जारी नहीं किए हैं. इन सभी स्थितियों को देखते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs) एडमिशन क्राइटेरिया में इस साल कुछ बदलाव कर सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं पूरे मामले को.
कोरोना वायरस की वजह से अब आईआईटी की एडमिशन प्रक्रिया में भी कुछ छूट दी जा सकती है. ऐसे में इस साल कक्षा 12वीं के मार्क्स को न जोड़ने पर विचार किया जा रहा है.
आमतौर पर, जेईई (एडवांस्ड) में जनरल कैटेगरी के रैंक होल्डर के 12वीं में कम से कम 75 फीसदी मार्क्स होने चाहिए या टॉप 20 पर्सेंटाइल में नाम होना चाहिए.
SC/ST छात्रों के 12वीं में कम से कम 65 फीसदी नंबर होना चाहिए या टॉप 20 पर्सेंटाइल. तभी उन्हें आईआईटी में एडमिशन मिल सकता है.
वहीं कोरोना वायरस के कारण 10वीं-12वीं की बची हुई बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. ऐसे में IIT में एडमिशन को लेकर कुछ नियमों पर विचार किया जा रहा है. इस महीने की शुरुआत में जॉइंट इंप्लिमेंटेशन कमिटी (JIC) की एक मीटिंग में कक्षा 12वीं की परीक्षाओं को लेकर बात की गई थी. इस मीटिंग में सभी आईआईटी के जेईई चेयरपर्सन शामिल थे.
मीटिंग के दौरान, जेईई के सभी चेयरपर्सन ने प्रस्ताव दिया कि इस साल कक्षा 12वीं में मार्क्स के नियमों को हटा देना देना चाहिए. क्योंकि हर राज्य ने कोरोना वायरस के कारण बोर्ड परीक्षा को लेकर अलग- अलग कदम उठाए हैं.
JIC के एक सदस्य ने बताया, इस बात को लेकर आम सहमति बनी कि इस साल जेईई एडवांस्ड क्लियर करने वाले उम्मीदवारों के लिए सिर्फ बोर्ड परीक्षा पास होने का नियम ही बनाया जाए. अगर ये नियम लागू हो जाता है तो ये मायने नहीं रखा जाएगा कि रैंक होल्डर के 12वीं में कितने मार्क्स आए हैं, उनके लिए इतना ही काफी होगी कि उन्होंने 12वीं कक्षा पास कर ली है.
बता दें, अभी तक ये नहीं बताया गया है कि ये नियम कब से लागू होगा.
कब होगी जेईई परीक्षा
कोरोना वायरस के कारण जेईई मेन परीक्षा दो बार टल चुकी है. पहले ये परीक्षा अप्रैल में होनी थी, फिर जुलाई में. अब इस परीक्षा का आयोजन 1 से 6 सितंबर तक होगा वहीं जेईई एडवांस्ड की परीक्षा 27 सितंबर को होगी.