15 अगस्त को भारतीय में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. यह देश के इतिहास की सबसे चर्चित तारीखों में से एक है. हो भी क्यों न, लंबे इंतजार के बाद इस दिन हमें अंग्रेजी शासन से मुक्ति मिली थी. इस दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है. यह पल किसी भी देश के लिए गौरवशाली होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जिनके इतिहास में स्वतंत्रता दिवस ही नहीं है. इसकी कई वजहें हैं जैसे वे देश कभी गुलाम नहीं हुए या उन्हें कभी सैन्य शासन से मुक्त होने का मौका नहीं मिला या फिर उनसे टूटकर कुछ देश तो अलग हुए पर वे किसी बड़े देश से टूटकर अलग नहीं हुए. हालांकि, ऐसे कई देश नेशनल डे या राष्ट्रीय दिवस मनाते हैं. आज हम आपको ऐसे ही देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको कभी स्वतंत्रता दिवस मनाने का मौका नहीं मिला.
ब्रिटेन
ब्रिटेन को लेकर दुनिया भर में पुरासे समय से एक मजाक चलता है कि उसके पास अपना स्वाधीनता दिवस नहीं है क्योंकि उसका अप्रत्यक्ष तौर पर दूसरे देशों को स्वाधीन करने (गुलाम बनाने के बाद आजादी देने) में योगदान है. ब्रिटेन में इस समय संसदीय लोकतंत्र और संवैधानिक राजशाही का शासन है. यहां की महारानी एलिजाबेथ-2, 1952 से गद्दी पर हैं और दुनिया की सबसे ज्यादा समय तक सत्ताशीन रही राजप्रमुख हैं. दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा राज्य ब्रिटेन के पास ही रहा है. एक समय में इसके पास दुनिया पर मौजूद जमीन का एक चौथाई हिस्सा था. तब कहावत थी कि ब्रिटेन के राज में सूरज कभी नहीं डूबता है. ब्रिटेन का अपना कोई आधिकारिक राष्ट्रीय दिवस नहीं है. लेकिन महारानी के जन्मदिन पर यहां कई कार्यक्रम होते हैं. इसके अलावा दूसरे भी कई अहम दिवस होते हैं.
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फ्रांस
फ्रांस से अलग और आजाद होने के बाद कई देश अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, लेकिन इस देश का अपना कोई स्वतंत्रता दिवस नहीं है. हां, 14 जुलाई को यहां पर राष्ट्रीय दिवस या Bastille Day या Declaration Day के तौर पर मनाया जाता है. 14 जुलाई 1789 को 7000 फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने फ्रांसीसी राजशाही को उखाड़ फेंका था. इसी दिन को फ्रांसीसी क्रांति की आधिकारिक शुरुआत माना जाता है. फ्रांस एक समय में यूरोप का सबसे ताकतवर मुल्क रहा है तो इसने कला, साहित्य, संगीत, सिनेमा, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में भी दुनिया का मार्ग प्रशस्त किया है. फ्रांस का स्वर्णिम इतिहास रहा है तो मौजूदा समय में भी यह विश्व की शीर्ष महाशक्तियों में शुमार है.
नेपाल
भारत का पड़ोसी देश नेपाल दक्षिण एशिया के सबसे छोटे देशों में से एक है. यह दुनिया के सबसे नए देशों में से भी एक है, जहां पर 21वीं सदी में क्रांति हुई. नेपाल के भारत और चीन जैसे पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रहे हैं. यह दक्षिण एशिया के सबसे पुराने देशों में से एक रहा है. नेपाल कभी किसी देश या साम्राज्य का उपनिवेश या गुलाम नहीं रहा, इसलिए इसका अपना कोई स्वतंत्रता दिवस नहीं है. हां, यह 20 सितंबर को अपना राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाता है. 2015 में इसी तारीख पर इसने अपने संविधान को अंगीकार किया था. 2015 में नेपाल ने धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र होने की घोषणा की. 2008 में यहां पर हिंदू राजशाही का अंत हुआ, जो दुनिया में आखिरी हिंदू राजशाही व्यवस्था थी. नेपाल में बौद्ध धर्म का भी अच्छा प्रभाव है.
ईरान
इस्लामिक देश ईरान का अपना स्वतंत्रता दिवस नहीं है. हां, यह 1 अप्रैल को इस्लामिक राज्य बनने की घोषणा के तौर पर इस्लामिक रिपब्लिक डे मनाता है. यह तारीख स्थानीय सोलर कैलेंडर के अनुसार तय होती है और कई बार आगे-पीछे भी हो जाती है. 1979 में इसी दिन जनमत संग्रह में करीब 98 फीसदी लोगों की सहमति के बाद इसने इस्लामिक राष्ट्र बनने की घोषणा की थी. ईरान उन जगहों में से है जहां दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताएं पनपी हैं. इसने दुनिया को कला, साहित्य, दर्शन, वास्तुकला और अब सिनेमा के क्षेत्र में यादगार तोहफे दिए हैं. यह प्राकृतिक गैसों का भंडार समेटे हुए एक समृद्ध देश है.
जापान
अपनी कर्मठता और मेहनत के लिए दुनिया भर में मशहूर एशियाई देश जापान के पास अपना स्वतंत्रता दिवस नहीं है. दूसरे विश्व युद्ध में बर्बाद होने के बाद जापान जिस तरह से उठकर खड़ा हुआ, उसकी मिसाल और मुहावरे दुनिया भर में चलन में हैं. भूकंप हो या सुनामी, प्राकृतिक तौर पर इस देश ने काफी आपदाएं झेली हैं. जापान दुनिया की आर्थिक महाशक्ति होने के साथ एक विकसित देश भी है. आधुनिक काल में इसने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में झंडे गाड़े हैं. सबसे लंबा जीवन जीने के मामले में यह देश के दुनिया में दूसरे नंबर पर है. यह देश ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा अपनी कला, भोजन और संगीत के लिए भी प्रसिद्ध है. जापान में 11 फरवरी को नेशनल फाउंडेशन डे मनाने का चलन है.
रूस
आकार के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े देश रूस का अपना स्वतंत्रता दिवस नहीं है. इस देश में 11 टाइम जोन हैं और इसकी सीमाएं 16 देशों से लगती है. रूस का अतीत काफी स्वर्णिम रहा है. यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा साम्राज्य रहा है. भारत से इस देश के काफी अच्छे संबंध रहे हैं. रूस ने दुनिया को साहित्य, विज्ञान और क्रांति के क्षेत्र में अप्रतिम मिसालें दी हैं. इसके पास ऊर्जा के काफी भंडार हैं. यह देश 1992 से 12 जून को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जिसे कई बार इसका स्वतंत्रता दिवस भी समझ लिया जाता है. इस दिन यहां पर राष्ट्रीय अवकाश होता है. इसके अलावा यहां 9 मई को नाजी सेना पर जीत के उपलक्ष्य में विजय दिवस भी मनाया जाता है.
चीन
भारत का पड़ोसी देश और दुनिया की आर्थिक महाशक्ति चीन अपना स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाता है. यह 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय दिवस मनाता है. 1 अक्टूबर 1949 को पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के गठन के उपलक्ष्य पर इस तारीख को यहां राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. रेड आर्मी के नेता माओत्से तुंग ने इस तारीख को यहां के ऐतिहासिक थियेनमन चौक पर पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के गठन की घोषणा की थी और चीन के नए झंडे को फहराया था. चीन दुनिया की सबसे पहली सभ्यताओं में से एक है. चीन दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है तो इसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना भी है. चीन ने दुनिया को कर्मठता, वैज्ञानिक खोजों और खेती, प्रशासन में कई सफल मॉडल दिए हैं. सोवियत संघ के टूटने के बाद चीन को पूंजीवाद के बरक्स समाजवाद का मॉडल माना जाता था. लेकिन बाद में इसने अपनी व्यवस्था में तमाम बदलाव किए. चीन में सख्त शासन व्यवस्था की वजह से पश्चिमी देश इसकी आलोचना करते हैं. यह अक्सर अमेरिका और उसके मित्र देशों के साथ विवाद के कारण भी चर्चा में रहता है.
भूटान
भूटान दक्षिण एशियाई और भारत का पड़ोसी देश है. अपने सदियों के इतिहास में भूटान कभी किसी देश की कॉलोनी या गुलाम नहीं रहा. इसलिए इसका स्वतंत्रता दिवस नहीं है. भूटान में बौद्ध धर्म का प्रभाव रहा है. इसके भारत से अच्छे संबंध रहे हैं तो चीन से पुराना सीमा विवाद रहा है. 1711 में यहां आतंरिक अशांति के दौरान तिब्बतियों ने आक्रमण किया लेकिन वे इसे जीतने में सफल नहीं हो सके. 1974 में इसका कूच बिहार पर कब्जे को लेकर अंग्रेजी सेना से युद्ध हुआ, जो समझौते के रूप में खत्म हुआ. हालांकि, इसका कई सालों तक अंग्रेजी सेना से सीमा विवाद पर युद्ध जारी रहा. बाद में जब भारत को आजादी मिली तो यह उसे सबसे पहले स्वीकृति देने वाले देशों में से एक था.
इटली
इटली में नेशनल डे और रिपब्लिक डे 2 जून को मनाया जाता है. यह दिन 2 जून 1946 को हुए जनमत संग्रह के बाद गणतांत्रिक इटली के गठन को सेलिब्रेट करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन रोम में खास समारोह आयोजित किए जाते हैं. यूरोप का यह देश प्राचीन काल में संस्कृति, राजनीति और धर्म का केंद्रस्थल रहा है. कभी मुसोलिनी के फासीवाद के लिए चर्चा में रहे इटली में ही नवजागरण की भी शुरुआत हुई जो बाद में यूरोप के दूसरे देशों तक फैला. इस समय इटली सांस्कृतिक और आर्थिक तौर पर समृद्ध देशों की कतार में अगवा माना जाता है.
जर्मनी
कभी हिटलर के देश के तौर पर पहचाने जाने वाला यूरोपीय देश जर्मनी अपना स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाता है. यह 3 अक्टूबर को एकता दिवस (Unity Day) के तौर पर सेलिब्रेट करता है. इस दिन यहां राष्ट्रीय अवकाश होता है. यह दिन यहां पर 1990 के बाद से मनाया जाता है जब आधिकारिक तौर पर जर्मनी फिर से संगठित हुआ था. जर्मनी लंबे समय तक कभी विदेशियों के अधीन नहीं रहा. पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के एक होने के बाद इस देश ने काफी तरक्की की है. यह दुनिया की सबसे गतिशील अर्थव्यवस्था होने के साथ ही पर्यटन का भी केंद्र है. यह औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्र में दुनिया का सिरमौर है तो यहां पर मानव विकास सूचकांक भी काफी अच्छी स्थिति में है. इसके शिक्षा और स्वास्थ्य के मॉडल की दुनिया भर में काफी सराहना होती है.
सऊदी अरब
अरब जगत की बड़ी ताकत सऊदी अरब में 2007 से राष्ट्रीय दिवस पर छुट्टी रखी जाती है. यहां पर हर साल 23 सितंबर को नेशनल डे मनाया जाता है. इस दिन इसका नाम किंगडम ऑफ सऊदी अरब पड़ा था. 23 सितंबर 1932 को किंग अब्दुल्लाजीज ने पूरे देश को एक शासन के अधीन लाने की घोषणा की थी. सऊदी अरब पुराने समय में कई सभ्यताओं और संस्कृतियों का गवाह रहा है. धर्मावलंबियों के मामले में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े धर्म इस्लाम की शुरुआत आज के सऊदी अरब में ही हुई थी. मुस्लिमों की सबसे दो पाक जगहें- मक्का और मदीना इसी देश में हैं. धार्मिक पर्यटन के अलावा यह देश अपने पेट्रोलियम पदार्थों के भंडार के लिए भी प्रसिद्ध है. यह देश जीडीपी के अनुपात में रक्षा बजट पर खर्च करने के मामले में ओमान के बाद दूसरे नंबर पर है. मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों और धार्मिक कट्टरता के मामले में पश्चिमी देश इसकी आलोचना करते हैं.
मिस्र
मुस्लिम जगत के ताकतवर देश मिस्र में चार राष्ट्रीय अवकाश इस्लामिक घटनाओं की तारीखों पर होते हैं तो दो अवकाश क्रिश्चियन घटनाओं की तारीखों पर. मिस्र में स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है. यहां पर 23 जुलाई को राष्ट्रीय दिवस जरूर मनाया जाता है. इसी तारीख पर 1952 में मिस्र में क्रांति के बाद आधुनिक गणतंत्र की नींव रखी गई थी, जिसकी याद में पूरे देश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. वैसे मिस्र को ब्रिटिश राज से 28 फरवरी 1922 को आजादी मिली थी, लेकिन मिस्र में इस दिन का जश्न नहीं मनाया जाता है. मिस्र दुनिया में सबसे पुराना इतिहास रखने वाले देशों में से एक है. यहां पनपी सभ्यताओं ने सबसे पहले लेखन, खेती, संगठित धर्म, शहरीकरण और केंद्रीय सरकार के मॉडल पेश किए. यहीं पर आधुनिक दुनिया के शीर्ष आश्चर्यों में शुमार पिरामिड बनाए गए थे.
कनाडा
अमेरिका का पड़ोसी देश कनाडा अपना स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाता है. इसे ब्रिटेन से 1 जुलाई 1867 को आजादी मिली थी. इसी दिन कॉन्सटिट्यूशन एक्ट पास हुआ और एक संधि के तहत तीन कॉलोनियों को संयुक्त कर कनाडा में शामिल किया गया. यह 1 जुलाई को कनाडा डे मनाता है. 1982 में कनाडा ने अपना संविधान अपनाया और स्वतंत्र राष्ट्र बन गया. हालांकि, यह अब भी ब्रिटिश कॉमनवेल्थ का हिस्सा है. ब्रिटिश महारानी अब भी कनाडा की महारानी कहलाती हैं. कनाडा अपनी शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण जीवन, मानवाधिकारों, आर्थिक नीतियों और पारदर्शी शासन के लिए जाना जाता है.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया क्षेत्रफल के मामले में दुनिया का छठा सबसे बड़ा देश है. यहां की आबादी 2.6 करोड़ है. 1770 में ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया के आधे पूर्वी हिस्से पर अपना दावा किया था. तब ब्रिटेन से यहां सजायाफ्ता लोगों को भेजा जाता था. ब्रिटेन का पहला बेड़ा यहां 26 जनवरी 1978 को आया था. इसी तारीख को यहां नेशनल डे मनाया जाता है. 1 जनवरी 1901 को छह कॉलोनियों ने मिलकर कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया का गठन किया था. कई लोग तकनीकी तौर पर ऑस्ट्रेलिया को अब भी स्वतंत्र नहीं मानते हैं क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में अब भी ब्रिटिश महारानी को प्रतीकात्मक प्रमुख मानते हुए हुए संवैधानिक राजशाही की व्यवस्था है.
न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड में स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है. इस देश को कई चरणों में ब्रिटेन से आजादी मिली थी. इसलिए यहां पर स्वतंत्रता दिवस की तय तारीख नहीं है. हालांकि, अब भी इस देश की आधिकारिक प्रमुख ब्रिटेन की महारानी ही हैं. 1934 से यहां पर 6 फरवरी को नेशनल डे मनाने का चलन है. 1840 में इसी दिन Waitangi संधि हुई थी, जिसे देश का फाउंडिंग डॉक्यूमेंट माना जाता है. 1974 से इस तारीख को यहां पर राष्ट्रीय अवकाश होता है. न्यूजीलैंड एक विकसित देश है और यह देश मानव विकास और स्वतंत्रता के सूचकांकों में अच्छा प्रदर्शन करता है.
स्पेन
स्पेन में स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है. यहां पर 12 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश होता है. 12 अक्टूबर 1492 को कोलम्बस ने अपनी जलयात्रा में अमेरिकाज (नॉर्थ और साउथ अमेरिका) की खोज की थी. नॉर्थ और साउथ अमेरिका के कई देशों में इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी होती है. स्पेन एक विकसित देश है, जिसका गौरवशाली अतीत रहा है. स्पेन ने आधुनिक कालखंड की शुरुआत में दुनिया के बड़े हिस्से पर राज किया था, जिससे इसे अपनी भाषा और संस्कृति को फैलाने में भी मदद मिली.
थाईलैंड
पूर्वी एशियाई देश थाईलैंड में स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है. यहां पर 5 दिसंबर को राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. यह तारीख थाईलैंड के पूर्व राजा भूमिबोल अतुल्यातेज की जन्मतिथि है. यहां बौद्ध धर्म का काफी प्रभाव देखने को मिलता है. यह देश अपने धार्मिक स्थलों और पर्यटक स्थलों के लिए भी जाना जाता है. इसी दिन को यहां फादर्स डे और World Soil Day के तौर पर भी मनाया जाता है. इस देश ने हाल तक काफी अशांति, सैन्य तानाशाही और विद्रोह देखे हैं.
तुर्की
तुर्की में स्वतंत्रता दिवस नहीं बल्कि गणतंत्र दिवस मनाने का रिवाज है. तुर्की अपना गणतंत्र दिवस 29 अक्टूबर को मनाता है और इस दिन यहां पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है. 9 अक्टूबर 1929 को तुर्की गणराज्य बनने की घोषणा हुई थी. 23 अप्रैल 1920 को तुर्की की ग्रैंड नेशनल असेंबली का गठन हुआ था. 23 अप्रैल को यहां राष्ट्रीय संप्रभुता दिवस और बाल दिवस मनाया जाता है. इस दिन भी यहां राष्ट्रीय अवकाश होता है. पुराने समय से लेकर अभी तक इस देश में कई सभ्यताएं पनपी हैं. एशिया और यूरोप के बीच में बसा शहर इस्ताम्बुल इसी देश में है, जहां से ओरहान पामुक जैसे साहित्यकार आते हैं.
इथियोपिया
इथियोपिया अफ्रीका का सबसे पुराना आजाद मुल्क है. यहां पर मुसोलिनी ने कब्जा किया था लेकिन वह ज्यादा दिनों तक नहीं रह सका. इथियोपिया में स्वतंत्रता दिवस के बजाए इटली पर जीत के लिए 5 मई को विजय दिवस मनाया जाता है. यह दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला लैंडलॉक्ड (चारों ओर से जमीन से घिरा हुआ) देश है. इथियोपिया तानाशाही और गृह युद्ध से जूझता रहा है. यह दुनिया के सबसे गरीब मुल्कों में से एक है.
इन देशों के अलावा एंडोरा, कैमरून, डेनमार्क, लाओस, लग्जमबर्ग, मार्शल आईलैंड्स, मोनाको, पलाऊ, लिन्चैंस्टाइन, सैन मैरिनो और वैटिकन सिटी जैसे देश भी अपना स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाते हैं. इनमें से कई देश दुनिया के सबसे नए देशों में शुमार हैं जो हालिया समय में ही किसी देश से जनमत संग्रह से अलग होकर या दूसरे देशों से टूटकर बने हैं. लेकिन इन देशों में आजादी का जश्न मनाने का रिवाज नहीं है.