कोरोना संक्रमण के दौर में एक तरफ अस्पतालों में कोविड 19 वार्ड बनाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर ऐसे मरीज भी हैं जो सामान्य बीमारियों में अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं. ऐसे लोगों को सरकार ने घर बैठे अपना इलाज कराने की सुविधा दी है. ये सुविधा उन्हें ई संजीवनी ऐप के जरिये दी गई है. आइए जानते हैं क्या है ई संजीवनी और कैसे दो लाख लोगों ने दस दिनों में लिया इससे फायदा.
ई-संजीवनी दो तरीके की टेली-मेडिसिन कंसल्टेंसी उपलब्ध करवाता है. इसमें
एक कंसल्टेंसी डॉक्टर की दूसरे डॉक्टर के साथ और दूसरी मरीज की डॉक्टर के साथ होती है.
बता दें कि डॉक्टर के साथ डॉक्टर की कंसल्टेंसी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के तहत लागू की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए इस साल अप्रैल के महीने में ई-संजीवनी ओपीडी की शुरुआत की थी. इसमें मरीज टेली-कंसल्टेंसी के जरिए डॉक्टर से जुड़ सकता है.
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी डेटा के अनुसार 9 अगस्त तक इस सेवा का लाभ लेने वालों की संख्या डेढ़ लाख थी. अब तक देश भर से दो लाख लोग टेली परामर्श ले चुके हैं.
साल भर के दौरान देश भर के 23 राज्यों ने इसे लागू कर दिया है. जल्द ही दूसरे राज्य भी इसे लागू कर देंगे. अगर इससे लाभ लेने की बात की जाए तो इसमें तमिलनाडु पहले और यूपी दूसरे नंबर पर रहा है. तमिलनाडु में 56,346 लोगों ने टेली-परामर्श सेवा का लाभ उठाया.
वहीं उत्तर प्रदेश में 33,325 लोगों ने ऑनलाइन माध्यम से डॉक्टरों से इसी ऐप के माध्यम से टेली परामर्श लिया. इसके बाद तीसरे नंबर आंध्र प्रदेश से 29,400 और हिमाचल प्रदेश से 33,325 ने टेली परामर्श का फायदा उठाया. बता दें कि eSanjeevani OPD के तहत देश के चुनिंदा अस्पतालों में वीडियो कॉलिंग की सुविधा भी उपलब्ध है.
इसकी प्रक्रिया की बात करें तो ऐप से रजिस्ट्रेशन करने पर आपका एक टोकन नंबर जेनरेट हो जाता है. इससे आप
ऐप पर ऑनलाइन उपलब्ध डॉक्टर के नाम देखकर उनमें से किसी एक को चुनकर उनसे वीडियो कॉल कर सकते हैं.
इन डॉक्टरों से आप घर बैठे अपनी हेल्थ या बीमारी के लक्षणों के आधार पर कंसल्ट कर सकते हैं.