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क्या है पीएम केयर्स फंड, PM रिलीफ फंड से कितना अलग, अब SC ने क्या कहा

aajtak.in
  • 18 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST
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कोरोना महामारी फैलने के शुरुआती दौर से चर्चा में आए पीएम केयर्स फंड को लेकर विपक्ष की ओर से तमाम तरह की चर्चाएं की जा रही हैं. अब हाल ही में इस कोष को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखि‍ल की गई थी. आइए जानते हैं कि आख‍िर पीएम केअर्स फंड है क्या, और इसे लेकर क्या चर्चाएं हो रही हैं.

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कोरोना की मुश्क‍िल घड़ी में आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था. इस कोष में दान करने के लिए देश-विदेश में रह रहे भारतीयों से अपील की गई. ये कोष प्राकृत‍िक आपदा या किसी अन्य संकट की स्थि‍त‍ि के दौरान प्रभावित लोगों की आर्थ‍िक मदद के लिए बनाया गया था.

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बता दें कि PM CARES कोष के पदेन अध्यक्ष देश के प्रधानमंत्री हैं, वहीं भारत सरकार के रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री निधि के पदेन ट्रस्टी हैं. बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के अध्यक्ष (प्रधानमंत्री) के पास 3 ट्रस्टीज को बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में नामित करने की शक्ति है जो अनुसंधान, स्वास्थ्य, विज्ञान, सामाजिक कार्य, कानून, लोक प्रशासन और परोपकार के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकते हैं. इस कोष में ट्रस्टी नियुक्त किया गया कोई भी व्यक्ति निशुल्क रूप से कार्य करेगा, ये इसकी अनिवार्य शर्त है.

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इसके गठन से स्पष्ट है कि पीएम-केयर्स फंड में दान दी गई रकम पर इनकम टैक्‍स से 100 फीसदी छूट मिलेगी. यह राहत इनकम टैक्‍स कानून के सेक्‍शन 80जी के तहत मिलेगी. पीएम-केयर्स फंड में दान भी कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) व्यय के रूप में गिना जाएगा.

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पीएम केयर्स की इस लिंक में दी गई जानकारी के अनुसार पीएम केयर्स फंड को भी FCRA के तहत छूट मिली है. इसके अलावा विदेशों से दान प्राप्त करने के लिए एक अलग खाता खोला गया है. इससे विदेशों में स्थित व्यक्ति और संगठन पीएम केयर्स फंड में दान दे सकते हैं. यह एक तरह से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) की ही तरह है. पीएमएनआरएफ को 2011 से एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में विदेशी योगदान भी मिला है.

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देश में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष पहले से मौजूद था, इसकी स्थापना देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जनवरी 1948 में की थी. इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के विस्थापितों की सहायता करना था. बाद में इसमें प्राकृतिक आपदा से लेकर दंगा पीड़‍ित और एसिड सर्वाइवर्स तक की मदद की जाती रही है. प्रधानमंत्री राहत कोष को हर साल ऑडि‍ट किया जाता है, जिससे ये पता चल सके कि कितना दान आया और कितना कहां खर्च हुआ.

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पीएम केयर्स फंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता एनजीओ, सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) ने दावा किया था कि डीएम एक्ट के तहत कानूनी आदेश का उल्लंघन करते हुए पीएम केयर्स फंड बनाया गया. याचिका में कहा गया था कि डीएम एक्ट के मुताबिक आपदा प्रबंधन के लिए किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा दिया गया कोई भी अनुदान अनिवार्य रूप से एनडीआरएफ (National Disaster Response Fund ) को ट्रांसफर किया जाना चाहिए.





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इस याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पीएम केअर्स फंड को एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने की मांग खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पीएम केअर्स फंड से अब तक कोरोना की लड़ाई में 3100 करोड़ रुपये की मदद की गई है. इनमें से 2 हजार करोड़ रुपये के वेंटिलेटर्स खरीदे गए हैं.

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