लता मंगेशकर का मुस्कुराता हुआ चेहरा उनके विनम्र और दयालु व्यक्तित्व का आईना था. उन्हें अपने छोटों से कितना स्नेह था ये भी सब जानते हैं. आजतक के इवेंट श्रद्धांजलि तुम मुझे भुला ना पाओगे में एक्ट्रेस, मॉडल, वीजे और टीवी होस्ट सोफी चौधरी ने लता मंगेशकर के इसी व्यवहार का जिक्र किया जिसमें लता जी के बड़प्पन की झलक मिलती थी.
सोफी ने बताया कि लता जी से उनकी सबसे पहली मुलाकात बचपन में हुई थी. सोफी बताती हैं- 'लंदन में ब्रेंड क्रॉस नाम का एक शॉपिंग मॉल है वहां लता मंगेशकर जी से मेरी सबसे पहली मुलाकात हुई थी. मेरे मामा जी लता जी के बहुत बड़े फैन थे. जैसे ही उन्होंने लता जी को देखा तो वे ऑटोग्राफ मांगने उनके पास गए. लेकिन मामा जी के पास पेन नहीं था. तो मामा जी ने लता जी से थोड़ी देर इंतजार करने की गुजारिश की.'
'जब मामा जी पेन लेने गए तो उन्हें दस मिनट लग गए. उन्होंने सोचा कि अब लता जी चली गई होंगी लेकिन लता जी इंतजार कर रही थीं.' लता जी के पास वहां और भी लोग उन्हें देखने उनका ऑटोग्राफ लेने इकट्ठा हो गए थे.' लता जी का यूं किसी अनजान शख्स के लिए इंतजार करना किसी के दिल में भी उनके लिए इज्जत बढ़ा देती है.
सोफी ने बताया कि जब आज से लगभग 20 साल पहले उन्होंने लता जी का इंटरव्यू लिया तब उन्होंने लता जी से उस मुलाकात का जिक्र किया था. लता जी ने पूछा था 'क्या वो पेन अभी भी तुम्हारे पास है.' सोफी ने भी जवाब दिया था- 'वो पेन भी और ऑटोग्राफ भी है.'
सोफी चौधरी ने बताया कि 20 साल पहले जब उन्होंने लता मंगेशकर का इंटरव्यू लिया तब उन्हें लता मंगेशकर जी के खुश मिजाज स्वभाव का मालूम पड़ा था.
एक्ट्रेस कहती हैं- 'मैंने नेहरू सेंटर में लता मंगेशकर जी का पहला इंटरव्यू लिया था. मैं उस समय कम उम्र की थी. लता जी छोटी सी बच्ची यानी मुझे देखकर हैरान थी. मुझे कहा गया था कि इंटरव्यू सिर्फ 15 मिनट चलेगा. मैंने लता जी का इंटरव्यू लेना शुरू किया लेकिन ये 15 मिनट का इंटरव्यू 90 मिनट तक चला.'
आगे सोफी ने लता मंगेशकर के स्वभाव पर बात की. वे कहती हैं- 'सब सोचते हैं कि लता जी बहुत सीरियस होंगी अनुशासनप्रिय होंगी. पर लता जी को मजाक पसंद था. वे लाइट हार्टेड थीं. उन्होंने मुझे कई किस्से बताए, रफी साहब के साथ कई बातें बताईं. सेट पर रफी साहब की मस्ती बताई. वे समय से काफी आगे थीं.'
सोफी ने कहा 'बहुत सारे सिंगर्स कहते हैं कि लता जी हमारे लिए एक प्रेरणा थीं, पर मैं ये नहीं कह सकती. मैं कहती हूं कि उन्हें छू पाना मुश्किल है. वे मां सरस्वती का साक्षात रूप थी. मैं कहां Whitney Houston को सुनने वाली लड़की थी. मैंने कभी क्लासिकल गाने की ट्रेनिंग नहीं ली पर लंदन में पली-बढ़ी लड़की, मैंने सोचा नहीं था कि मैं कभी भारत आउंगी. लता जी के गाने को रिक्रिएट करूंगी.'