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अतिक्रमण को लेकर MCD के नोटिस से दिल्ली में हाहाकार, सकते में कई परिवार

दिल्ली नगर निगम की ओर से अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ एमसीडी की कार्रवाई की नोटिस से कई परिवार सकते में हैं और उन्हें डर है कि अगर वहां निगम का हथौड़ा चला तो उनका आशियाना टूट जाएगा.

एमसीडी की कार्रवाई से परेशान हैं लोग (फोटो-सुशांत) एमसीडी की कार्रवाई से परेशान हैं लोग (फोटो-सुशांत)
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:00 PM IST

मॉनिटरिंग कमिटी के आदेश के बाद दिल्ली नगर निगम की ओर से अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ एमसीडी की कार्रवाई लगातार जारी है इस कार्रवाई के चलते दिल्ली में इन दिनों लोगों का रहना मुश्किल हो गया है. लोगों में इस बात का खौफ बन गया है कि ना जाने कब एमसीडी का हथौड़ा उनके घर और दुकान के बाहर पहुंच जाए.

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ऐसी ही स्थिति पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके के अंतर्गत आने वाली सतनाम रोड की है जहां करीब 60 साल से ज्यादा समय से अपना आशियाना बसाए लोगों में निगम की कार्रवाई को लेकर बेहद नाराजगी है.

दरअसल, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाली सतनाम रोड पर काफी हद तक अतिक्रमण हुआ है जिसके चलते इस रोड को चौड़ा किया जाना है जो लगभग 100 फुट है, लेकिन अतिक्रमण के कारण ये रोड कहीं 45 फुट तो कहीं 60 फुट है जिस पर अब निगम जल्द ही हथौड़ा चलाने जा रहा है जिसके कारण यहां रहने वाले लोगों के दिलों में दहशत का मौहाल बना हुआ है.

पिछले 63 सालों से सतनाम रोड पर अपना आशियाना बसाए रह रहे हैं. इन्हीं में गुरदीप सिंह और उनकी पत्नी सुरजीत कौर भी शामिल हैं जिन्हें दुख है और उनकी आंखों में आज आंसू हैं. एमसीडी की ओर से सतनाम रोड को चौड़ा अगर किया जाता है तो गुरदीप सिंह का मकान पूरा टूट जाएगा और उनका पूरा परिवार सड़क पर आ जाएगा. गुरदीप सिंह और उनकी पत्नी को जब से यह पता चला है तब से उनकी रातों की नींद उड़ गई है.

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गुरुदीप सिंह की मानें तो साल 1955 में उन्होंने यह मकान लिया था जिसका उनके पास रजिस्ट्री और नक्शा भी है. बावजूद इसके उनका मकान तोड़ा जा रहा है. गुरदीप सिंह की ही तरह सुनील खन्ना का भी यही हाल है. उन्होंने भी कुछ साल पहले यह सोच कर सतमान रोड पर दुकान ली थी कि दुकान की पक्की रजिस्ट्री है और नक्शा भी पास है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. लेकिन हाल ही में एमसीडी द्वारा उनकी दुकान को अतिक्रमण में लेने से उनकी भी रात की नींद उड़ गई है. यही हाल यहां सालों से बैठे हर दुकानदार और मकान मालिक का है.

हालांकि ये रोड दो निगम पार्षदों के अंतर्गत आती है जिसमें से एक पार्षद संदीप कपूर का मानना है कि निगम जो भी कार्रवाई करें योजनाबद्ध तरीके से होनी चाहिए ताकि दुकानदारों का ज्यादा नुकसान ना हो जबकि दूसरे पार्षद श्याम सुंदर अग्रवाल का मनाना है कि रोड पर अतिक्रमण काफी है जिसके कारण रिहाइशी इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती है. इस रोड पर जितना भी अतिक्रमण है उसको हटाया जाए.

दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी भी इसके लिए नगर निगम और बीजेपी को जिम्मेदार मान रही है. कृष्णा नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक एसके बग्गा का कहना है कि बीजेपी के निगम पार्षद खुद चाहते हैं कि रोड चौड़ी हो, लेकिन आम आदमी की परेशानी से उनको कुछ लेना देना नहीं है.

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