
राजस्थान के चुनाव में टिकट बंटवारे से पहले 'आया राम गया राम' का खेल कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों में शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इसकी शुरुआत बीजेपी विधायक मानवेंद्र सिंह को पार्टी में लेकर की थी. उसके बाद हर रोज कांग्रेस में बीजेपी के नेता शामिल हो रहे हैं. तो बीजेपी भी कांग्रेस के बड़े नेताओं को तोड़ने में लगी है.
जयपुर के जिला प्रमुख मूलचंद मीणा ने बीजेपी को बाय-बाय कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. मूलचंद मीणा बस्सी से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे लेकिन उन्हें बीजेपी में इसके लिए कोई उम्मीद नहीं दिखी तो वह कांग्रेस में आ गए. अब तक मीणा बीजेपी की तरफ से जिला प्रमुख बने हुए थे.
बीजेपी राज में मंत्री रहीं उषा भी कांग्रेस में
राजस्थान में इसके अलावा जाटों में एक वक्त खासा लोकप्रिय विजय पूनिया और उनकी पत्नी उषा पूनिया ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है. उषा पुनिया कभी बीजेपी सरकार में पर्यटन मंत्री थीं, लेकिन अब कांग्रेस में शामिल हो गई हैं.
मूलचंद मीणा के कांग्रेस में आने से मीणाओं का परंपरागत कांग्रेस वोट बैंक और मजबूत होगा जो कि माना जा रहा है कि सचिन पायलट की वजह से वह कांग्रेस से परहेज कर रहे थे, जबकि विजय पूनिया और उषा पुनिया के आने से शेखावटी में कांग्रेस में जाट मतदाताओं में मजबूती आएगी.
वसुंधरा ने बनवारी को तोड़ा
पिछले एक सप्ताह में करीब एक दर्जन बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी मास्टर स्ट्रोक चला है और धौलपुर उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार बनवारी बनवारी लाल शर्मा को अपने खेमे में शामिल कराकर उन्हें भाजपाई बना दिया है.
उपचुनाव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने शर्मा पर दांव लगाया था. बनवारी लाल शर्मा के परिवार को अब कांग्रेस में शामिल कर लिया है. बनवारी लाल के बेटे अशोक शर्मा जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था वो अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निवास सिविल लाइन पहुंचे और वसुंधरा राजे के साथ-साथ उनके बेटे दुष्यंत सिंह की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली.
पिछले नौ विधानसभा चुनाव से बनवारीलाल शर्मा का परिवार कांग्रेस के टिकट पर धौलपुर से चुनाव लड़ता रहा है, ऐसे में माना जा रहा है कि वसुंधरा ने धौलपुर में कांग्रेस को खत्म कर दिया.
माना जा रहा है कि धौलपुर में बीजेपी और ब्राह्मणों को मिलाकर बीजेपी काफी मजबूत बन गई है. चुनाव से पहले कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी कहते हैं कि कांग्रेस में अब पैराशूट उम्मीदवार नहीं चलेगा. इसी तरह से बीजेपी में कहा जाता है कि पार्टी की सेवा करने वाले को ही मेवा मिलेगा, लेकिन टिकट वितरण शुरू होता है तो दोनों ही पार्टियां वोटों की जुगाड़ पर ज्यादा ध्यान देती हैं और जिताऊ कैंडिडेट को शामिल करने में जुट जाती हैं.