21वीं सदी में लोगों का आधे से ज्यादा समय मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर जैसे गैजेट्स का इस्तेमाल करते हुए बीतता है. जहां बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इन सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को आंखों के आगे लगाए रखते हैं, वहीं बड़े अपने काम के कारण ऐसा करते हैं. हालांकि, बच्चे और बड़े पढ़ने और काम करने के अलावा इन सभी उपकरणों का इस्तेमाल मनोरंजन के लिए भी खूब करते हैं. यहां मुद्दा आपके इन्हें इस्तेमाल करने की वजह का नहीं, बल्कि इनके घंटों उपयोग के कारण आपकी आंखों को होने वाले नुकसान का है.
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि लैपटॉप, मोबाइल और कंप्यूटर से आंखों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और आपकी आंखें कमजोर हो जाती हैं. अगर आपकी आंखें भी कमजोर हैं, तो आज हम आपको ऐसे 5 फूड्स बताने वाले हैं जो आपकी आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं.
गाजर
गाजर में बीटा-कैरोटीन होता है, जिसका उपयोग शरीर विटामिन ए बनाने के लिए करता है. विटामिन ए आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. अगर आपके शरीर में विटामिन ए कम होगा तो आपकी आंखों में ड्राइनेस, कॉर्नियल स्कारिंग, नाइट ब्लाइंडनेस और विजन लॉस की समस्या हो सकती है.
हरी पत्तेदार सब्जियां
केल, पालक और ब्रोकली जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां एंटीऑक्सिडेंट ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन से भरपूर होती हैं, जो रेटिना में हाई कंसनट्रेशन में मौजूद होते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट्स एक फिल्टर के रूप में काम करते हैं और रेटिना को हानिकारक नीली रोशनी से बचाते हैं.
लाल फल और सब्जियां
ऑरेंज और लाल फल-सब्जियां जैसे लाल शिमला मिर्च, संतरे, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकोली और कीवी में विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो आंखों में होने वाली बहुत सी परेशानियों को रोकने में मदद करता है. इतना ही नहीं, यह आंखों में मोतियाबिंद का विकास भी रोकने में मदद कर सकता है.
मछली
मछली, विशेष रूप से सैल्मन, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं. ओमेगा-3 फैटी एसिड रेटिना की विजुअल को बढ़ावा देने में मदद करता है और आंखों में ड्राइनेस नहीं आने देता. सैल्मन, सार्डिन और हेरिंग जैसी मछलियों में सबसे ज्यादा ओमेगा-3 होता है.
शकरकंद
सर्दियों में मार्केट में भरपूर मात्रा में मिलने वाली शकरकंद का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. शकरकंद में भरपूर मात्रा में बीटा-कैरोटीन होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है.