डाइट में ओमेगा-3 ऑयल की कमी से इंसान की उम्र घट सकती है. ये सिगरेट पीने से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. एक नई स्टडी में इसका दावा किया गया है. बता दें कि मछली ओमेगा-3 का अच्छा स्रोत मानी जाती है. एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि लोगों को नियमित रूप से अपनी डाइट में ओमेगा-3 को शामिल करना चाहिए.
इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया है कि धूम्रपान से इंसान की संभावित आयु चार वर्ष तक कम हो सकती है. जबकि साल्मन और मैकेरेल ऑयली फिश में पाए जाने वाले फैटी एसिड की कमी से इंसान की उम्र पांच साल तक कम हो सकती है.
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बता दें कि फिश ऑयल को हार्ट (हृदय) के लिए काफी अच्छा माना जाता है. ये ब्लड क्लॉट की समस्या से भी राहत देता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि डाइट में 8 प्रतिशत या इससे ज्यादा ओमेगा-3 सेहत के लिए बेहतर होता है. इसका इंडेक्स लेवल चार से नीचे नहीं होना चाहिए.
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कनाडा की गुएल्फ यूनिवर्सिटी में स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. माइकल मैकबर्नी के मुताबिक, जापान में ओमेगा-3 का इंडेक्स 8 प्रतिशत से ज्यादा है. शायद इसी वजह से इस देश के लोगों की जीवन प्रत्याशा अमेरिका में रहने वालों से पांच साल ज्यादा होती है.
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यह स्टडी 'अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन' में प्रकाशित हुई है. इसमें फर्मिंघम हार्ट स्टडी (FHS) से लिए आंकड़ों को भी शामिल किया गया है. यह दुनिया में अब तक की सबसे लंबी स्टडी है. स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि फैटी एसिड की जांच से मानक जोखिम कारकों के समान मृत्यु दर का अनुमान लगाया जा सकता है.
फैटी एसिड रिसर्च इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर और स्टडी के सह लेखक डॉ. बिल हैरिस के मुताबिक, यहां फैटी एसिड के बारे में दी गई जानकारी उतनी ही उपयोगी है, जितनी कि कुल मृत्यु दर के संबंध में लिपिड लेवल, ब्लड प्रेशर, धूम्रपान और डायबिटिज की स्थिति में होती है. यह एक रिस्क फैक्टर के रूप में ओमेगा-3 इंडेक्स के बारे में बताता है और इसे अन्य महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर की तरह ही महत्वपूर्ण माना जाना चाहिए.
एक्सपर्ट कहतै हैं कि जीवन प्रत्याशा कम करने वाले जोखिमों को डाइट, तंबाकू की लत, एल्कोहल के सेवन और फिजिकल एनेक्टिविटी में बदलाव के साथ कम किया जा सकता है. इससे न सिर्फ लोगों की बिगड़ती सेहत में सुधार होगा, बल्कि समय से पहले मौत का जोखिम भी कम होगा.
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साल 2018 में 2,500 लोगों पर हुई एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि ओमेगा-3 के हाई अमाउंट का सेवन करने वाले लोगों में जल्दी मरने का खतरा 33 प्रतिशत तक कम होता है. महिलाओं पर आधारित एक स्टडी में भी ऐसे ही परिणाम देखने को मिले हैं.
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एक्सपर्ट की मानें तो साल्मन और मैकेरेल फिश में काफी ज्यादा मात्रा में ओमेगा-3 होता है. इसके अलावा कुछ सी फूड भई ओमेगा-3 से युक्त होते हैं. ऑयस्टर्स भी इन्हीं में से एक है. सरडाइन्स प्रजाति की एक छोटी सी मछली में भी ओमेगा-3 का अच्छा स्रोत मानी जाती है.
इसके अलावा केवियर (मछली के अंडे), फ्लैक्स सीड्स, चिया सीड्स, सोयाबीन और अखरोट में भी ओमेगा-3 होता है. इसलिए जो लोग मांस-मछली का सेवन नहीं करते हैं, इन चीजों से शरीर में ओमेगा-3 की कमी को दूर कर सकते है.