देश भर में आज कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. ये त्योहार 11 और 12 अगस्त दोनों ही दिन है. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और पूरे दिन श्रीकृष्ण के भजन-कीर्तन करते हैं. इस दिन कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन देश के हर मंदिरों की खास सजावट की जाती है. श्री कृष्णावतार के मौके पर हर जगह झाकियां सजाई जाती हैं. घर में भी भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार कर उन्हें झूले में बिठाया जाता है.
कृष्ण जन्माष्टमी का दिन बहुत शुभ होता है और मान्यता है कि इस दिन भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हालांकि इस दिन कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कि कृष्ण पूजा के दौरान कौन से काम शुभ नहीं माने जाते हैं.
जन्माष्टमी के दिन भूल कर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. भगवान विष्णु को श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है. मान्यता के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं. इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना शुभ नहीं माना जाता है.
जो लोग जन्माष्टमी का व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए. एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल और जौ से बने भोज्य पदार्थ खाना वर्जित माना जाता है.
आज के दिन लहसुन, प्याज या कोई भी अन्य तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. इस दिन घर में मांस और शराब नहीं लाना चाहिए.
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी किसी का अनादर ना करें. भगवान कृष्ण के लिए अमीर या गरीब सभी भक्त एक समान ही हैं. किसी भी गरीब का अपमान करने से श्री कृष्ण अप्रसन्न हो सकते हैं.
जन्माष्टमी के दिन पेड़ों को काटना भी अशुभ माना जाता है. श्री कृष्ण हर चीज में बसते हैं और हर चीज उनमें बसती है. बल्कि हो सके तो इस दिन ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए. इससे घर और परिवार में सुख और शांति बनी रहती है.
जन्माष्टमी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य होता है. इस दिन पूरे पवित्र मन-तन से भगवान की पूजा करनी चाहिए.
इस दिन भूल कर भी गायों का अपमान नहीं करना चाहिए. भगवान कृष्ण को गायों से बहुत प्रेम था. कान्हा बचपन गायों के साथ ही खेलते थे. ऐसी मान्यता है कि जो भी गाय की पूजा करता है उसे श्री कृष्ण का आशीर्वाद जरूर मिलता है.
जो लोग इस दिन व्रत रखते हुए उन्हें रात में बारह बजे से पहले अपना व्रत नहीं खोलना चाहिए. उससे पहले व्रत खोलने से पूजा का फल नहीं मिलता है और व्रत भी अधूरा माना जाता है.