माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. बसंत पंचमी का पर्व शिक्षा और संगीत की देवी माता सरस्वती को समर्पित है.
कहते हैं कि इस दिन माता सरस्वती की विधिवत पूजा से इंसान के जीवन में चल रहे सारे संकट मिट जाते हैं. ज्योतिषियों की मानें तो, अगर किसी बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है या उसकी एकाग्रता कमजोर है तो बसंत पंचमी के दिन कुछ खास उपाय करने चाहिए.
कुंडली में अगर बुध कमजोर हो तो बुद्धि कमजोर हो जाती है तो ऐसी दशा में मां सरस्वती की उपासना करें और मां को हरे फल अर्पित करेंगे तो ओर भी लाभदायक होगा.
बृहस्पति के कमजोर होने पर विद्या प्राप्त करने में बाधा आती है. ऐसे में बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करें और पीले पुष्प और पीले फलों से मां की उपासना करें.
अगर शुक्र कमजोर हो तो मन की चंचलता भी होती है और करियर का चुनाव भी नहीं हो पाता है तो ऐसी दशा में आज के दिन मां की उपासना करें और सफेद फूलों से मां की उपासना करना लाभदायक होता है.
आज के दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें, काले या लाल वस्त्र नहीं. तत्पश्चात पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें. सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस कार्य के लिए करें.
फिर, मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प अवश्य अर्पित करें. प्रसाद में मिसरी,दही और लावा समर्पित करें. मां सरस्वती के मूल मंत्र 'ऊं ऐं सरस्वत्यै नमः' का जाप करें और जाप के बाद प्रसाद ग्रहण करें.