क्या होते हैं योग
दो या दो से अधिक ग्रहों के संयोग को योग कहते हैं. किसी ग्रह का किसी ग्रह या राशि से विशेष संबंध होने को भी योग कहते हैं. कुछ योग व्यक्ति को जीवन में अपार सफलता, धन, यश दिलाते हैं.
कुछ योगों से व्यक्ति को धन का अभाव या समस्याएं झेलती पड़ती हैं इन्हें दुर्योग या दरिद्र योग कहते हैं. आपकी कुंडली में अगर राजयोग के समय का सही प्रयोग ना हो तो ये निष्फल हो जाते हैं. दुर्योग का ठीक निदान किया जाए तो इसका दुष्प्रभाव कम हो जाता है.
कौन से हैं राजयोग
सूर्य-चंद्र से बनने वाले राजयोग अनफा, सुनफा, दुरधरा, वेशी, वाशी, उभयचारी हैं. और पंच महापुरुष योग हैं- हंस, भद्र, मालव्य, रूचक, शश योग. चंद्र-बृहस्पति का योग- गजकेसरी योग और चंद्र मंगल योग- महालक्ष्मी योग.
कौन से हैं दुर्योग या दरिद्र योग
चंद्रमा से बनने वाले योग- केमद्रुम योग, ग्रहण योग है. वहीं, सूर्य से बनने वाले योग हैं- ग्रहण योग और अपयश योग. बृहस्पति से बनने वाले योग- चांडाल योग, दरिद्र योग. शनि से बनने वाले योग- नंदी योग, दरिद्र योग
वहीं, राहु-केतु से बनने वाले योग- ग्रहण योग, अंगारक योग, शाप बाधा. काल सर्प योग जो राहुकेतु से बनता है, लेकिन वास्तव में ऐसा कोई योग होता ही नहीं है.
दुर्योगों से बचने के उपाय
घर से मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं या लगाएं. और माता पिता या जीवनसाथी का सम्मान करें. इसके अलावा तीन धातु का छल्ला मध्यमा उंगली में या तीन धातु का कड़ा हाथ में धारण करें. किसी भी दुर्योग के लिए गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें.