
भीमा-कोरेगांव में हिंसा भड़कने के करीब 8 दिन बाद कबीर कला मंच के सदस्यों पर भड़काऊ भाषण देने और हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. साल के पहले दिन महाराष्ट्र के पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में दलितों और मराठा समुदाय पर हुई लड़ाई की 200वीं बरसी पर हिंसा भड़क उठी थी.
स्थानीय कार्यकर्ता तुषार दमगड़े की शिकायत के बाद इन लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है. पुणे शहर के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में 'शहरी माओवादी' सुधीर धावले, सागर गोरखे, हर्षाली पोटदार, रमेश गेचर, दीपक देंगले और ज्योति जगताप पर आईपीसी की धारा 153, 505 (1) (बी), 117 और 34 के मामले लगाए गए हैं.
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अजित डोभाल को लिखा पत्र
इन 6 लोगों पर आरोप है कि इन्होंने भड़काऊ भाषण दिए और उत्तेजक गाने गाए. इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल को संबोधित करते हुए लीगल राइस्ट ऑब्जरवेटरी के संयोजक विनय जोशी ने एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने दावा किया कि "हिंसा के पूरे महाराष्ट्र में फैलने के बाद व्यापक स्तर पर विश्लेषण करने के बाद यह नतीजा निकला है कि हिंसा के तेजी से फैलने में शहरी माओवादियों का हाथ है."
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भीमा-कोरेगांव में आयोजित कार्यक्रम में गुजरात के दलित विधायक जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद, रोहित वेमूला की मां राधिका और भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर शामिल हुए थे. हिंसा के बाद मेवाणी और खालिद पर तुरंत एक्शन लेते हुए पहले ही केस दर्ज किया जा चुका है. इन पर एफआईआर पुणे के लीगल एक्टिविस्ट अक्षय भीक्कड ने दर्ज करवाया था.
सबूत जुटाने के बाद होगी पूछताछ
पुलिस के अनुसार, तुषार दमगड़े ने धावले और अन्य 5 लोगों पर भीमा-कोरेगांव कार्यक्रम के दौरान पर्दे के पीछे से घृणात्मक बातें फैलाने का आरोप लगाया है. कबीर कला मंच (केकेएम) के सदस्य धावले और अन्य लोगों ने 31 दिसंबर को शहर के शनिवारवाडा में भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं बरसी पर 'एल्गर परिषद' की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.
इस बीच, वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि हिंसा से जुड़े सबूत जुटाए जा रहे हैं और अगले कुछ दिनों में जिन-जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज हुआ है, पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.
भीमा-कोरेगांव में हिंसा के दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि 4 लोग घायल हुए थे. पुणे ग्रामीण पुलिस ने कट्टरपंथी नेता मिलिंद एकबोते और संभाजी भिडे पर भी एफआईआर दर्ज कर चुकी है.