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बजट 2018: लोकलुभावन घोषणाओं के साथ वित्तीय संतुलना बनाना होगा चुनौती

इस साल बजट ऐसे समय पर पेश हो रहा है, जब इसके बाद देश के 8 राज्यों में चुनाव होने हैं. यही नहीं, इस सरकार का यह आख‍िरी बजट है. 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं. इन दो अहम मौकों से पहले आम बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद ज्यादा जताई जा रही है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली (File Photo) वित्त मंत्री अरुण जेटली (File Photo)
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

इस साल बजट ऐसे समय पर पेश हो रहा है, जब इसके बाद देश के 8 राज्यों में चुनाव होने हैं. इसके साथ ही यह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस सरकार का आख‍िरी बजट है. इन दो अहम मौकों से पहले आम बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद ज्यादा जताई जा रही है.

फ्यूचर जनराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस की चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (सीआईओ) ज्योति वासवानी का मानना है कि यह बजट मोदी सरकार के लिए एक चुनौती से कम नहीं है.आगे वह बताती हैं कि इस बजट में सरकार का फोकस किन सेक्टर्स पर रह सकता है और इससे आम आदमी को क्या मिल सकता है. 

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उनके मुताबिक इस बजट में मोदी सरकार के सामने इसे लोकलुभावन बनाने के साथ ही वित्तीय विवेक को बनाए रखने की चुनौती भी है. देश की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से उभरने के दौर में है. ऐसे में सरकार के लिए इस बजट में कई चुनौतियां होंगी. ज्योति के मुताबिक इस बार के बजट में कई अहम बदलाव और घोषणाएं हो सकती हैं.

बढ़ाना होगा कर राजस्व

मोदी सरकार ने पिछले साल जुलाई में देश में नई टैक्स नीति गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू किया है. अब तक का रिकॉर्ड देखें तो जीएसटी से सरकार को कुछ खास राजस्व प्राप्त नहीं हुआ है. दिसंबर और जनवरी महीने की 24 तारीख तक सरकार ने 86,703 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है.

जीएसटी कलेक्शन में करीब दो महीनों बाद तेजी देखने को मिली है. हालांकि इसके बाद भी चुनौती बनी हुई है. ऐसे में सरकार इस बजट में कर से अपनी आय बढ़ाने पर फोकस कर सकती है.    

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कॉरपोरेट टैक्स घटाने का वादा

मोदी सरकार ने अपने पहले बजट में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का वादा किया था. इस सरकार का यह आख‍िरी बजट है. ऐसे में सरकार पर कॉरपोरेट टैक्स कम करने का दबाव भी होगा. उद्योग जगत इस बजट में कॉरपोरेट टैक्स कम होने की उम्मीद जगाए बैठा है. उसके मुताबिक इस बजट में यह टैक्स 25 फीसदी पर लाया जा सकता है. 

बजट का इन पर होगा फोकस

बजट 2018 में सरकार का फोकस जहां व‍िनिवेश के मोर्चे पर बजटीय प्रावधान बढ़ाने पर होगा. वहीं, खर्च के मोर्चे पर भी सरकार कई अहम घोषणाएं कर सकती है. इसमें सबसे अहम है ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार. गुजरात चुनाव में किसानों के रोष और उनकी आय बढ़ाने की जरूरत पर सरकार का ध्यान गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कह चुके हैं कि इस बजट में उनका ज्यादा फोकस कृषि पर होगा. ऐसे में इस मोर्चे पर बढ़ी घोषणाएं हो सकती हैं.

रोजगार की चुनौती

पिछले काफी समय से देश में रोजगार की कमी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस बजट में भी सरकार का फोकस रोजगार के मौके बढ़ाने पर होगा. इसके लिए वह कई अहम घोषणाएं कर सकती है. इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल होगा. बजट में घरेलू बचत स्कीमों को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा सकता है.

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इन सेक्टर्स को मिल सकती है अच्छी खबर

इस बजट से ऑटोमोबाइल , बैंक, एनबीएफसी, एग्रोकेमिकल, इंफ्रास्ट्रक्चर, एफएमसीजी और सीमेंट जैसे सेक्टर्स  के लिए अच्छी खबर आ सकती है. इन सेक्टर्स के लिए इस बजट में कई अहम घोषणाएं होने की उम्मीद है.

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