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डीडीसीए मामले में दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में बनाए गए जांच आयोग ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से जांच के लिए कुछ अफसरों की मांग की है.
सुब्रमण्यम ने इसके लिए 28 दिसंबर को डोभाल को चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने लिखा है कि सही तथ्यों तक पहुंचने के लिए अच्छे जांच अधिकारियों का होना बेहद जरूरी है. इसलिए उन्हें जांच के लिए मैनपावर मुहैया कराई जाए.
5-5 अधिकारियों की रखी मांग
सुब्रमण्यम ने डोभाल को चिट्ठी लिखकर कहा है कि जॉइंट डायरेक्टर या इससे नीचे के लेवल के पांच आईबी ऑफिसर, 5 सीबीआई ऑफिसर और पांच दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के नाम सुझाएं. साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी चिट्ठी लिखकर एंटी करप्शन ब्रांच से भी 5 अधिकारी देने को कहा है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि ऐसे ईमानदार अधिकारियों के नाम मिलना ज्यादा मुश्किल का काम नहीं है.
डोभाल को इसलिए लिखा खत
सुब्रमण्यम ने आशंका जताई है कि डीडीसीए जांच में कुछ ऐसे तथ्यों का खुलासा भी हो सकता है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंध हो सकता है. सुब्रमण्यम ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए लिखा है कि इसी वजह से आपसे उचित अधिकारियों के नाम सुझाने की गुजारिश है, जो पूरी नैतिकता के साथ जांच में अपना सहयोग दें.
क्या है मामला
इससे पहले दिल्ली विधानसभा ने डीडीसीए में वित्तीय गड़बड़ी की जांच के लिए प्रस्ताव पारित कर आयोग बनाया था. बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल में डीडीसीए में धांधली हुई है. जेटली 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं. हालांकि उन्होंने आरोपों को निराधार बताया है.
5 जनवरी को मानहानि मामले की सुनवाई
डीडीसीए मामले में कथित घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी के आरापों पर जेटली ने केजरीवाल और पांच अन्य के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज करा रखा है. जेटली ने आपराधिक मानहानि का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 499, 500, 501 और 502 के तहत केस दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि 15 से 20 दिसंबर के बीच केजरीवाल और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं ने जो आरोप लगाए हैं, वह झूठे और बेबुनियाद हैं. इसमें उन्होंने से दखल देने की मांग की है. मामले की सुनवाई की 5 जनवरी को होने वाली है.
कीर्ति आजाद पर भी हो चुकी कार्रवाई
कीर्ति आजाद के खुलेआम जेटली पर आरोप लगाने के बाद उन्हें बीजेपी ने निलंबित कर दिया था. हालांकि इसके बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को खत लिखकर पूछा था कि उन्होंने ऐसी कौनसी पार्टी विरोधी गतिविधि की है, जिसके लिए उन्हें निलंबित किया गया है. आजाद ने बीते 28 दिसंबर को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर से क्रिकेट एसोसिएशन पर हमला बोला. उन्होंने डीडीसीए के आरोपों पर सफाई दी. उन पर आरोप लगा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बहकावे में आकर उन्होंने जेटली पर आरोप मढ़े हैं और संसद में उनके खिलाफ बयानबाजी की है.
आजाद ने सफाई में क्या कहा
आजाद ने अपनी सफाई में कहा था कि वह संसद में सोनिया के बहकावे में नहीं आए थे बल्कि स्पीकर ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा था. उन्होंने कहा, 'मुझ पर ये हमला हुआ है कि मैं सोनिया गांधी के बहकावे में आ गया. मुझ पर हमला करो लेकिन स्पीकर पद को निशाना मत बनाओ. मैं लोकसभा कार्यवाही के सेक्शन 360 की तरफ ध्यान खींचना चाहूंगा, जब एक व्यक्ति कुछ बोलना चाहता है तो स्पीकर उसे बुलाती है. लेकिन अगर एक ही समय पर एक से ज्यादा लोग बोलना चाहते हैं तो स्पीकर जिसे भी बुलाती है, वह बात करता है. इसलिए अगर ये आरोप लगाया जा रहा है कि मैं सोनिया के कहने पर बोल रहा था तो ये हास्यास्पद है. लोग वॉकआउट इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें स्पीकर की तरफ से बोलने का मौका नहीं मिलता.'