
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के चीफ के. दुर्गा प्रसाद को अचानक हटाए जाने के कारणों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. सरकार के इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन की आरटीआई से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि एसपीजी का मुख्य काम प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराना है.
सीनियर आईपीएस ऑफिसर दुर्गा प्रसाद को तब हटाया गया, जब प्रधानमंत्री सार्क सम्मेलन के लिए नेपाल के दौरे पर हैं. हालांकि ये संयोग ही है कि प्रसाद को हटाने की कार्रवाई उसी समय हुई जब मोदी की पत्नी जशोदाबेन का इंटरव्यू सामने आया . जशोदाबेन ने सूचना के अधिकार के जरिए प्रधानमंत्री की पत्नी के नाते मिलने वाली सुरक्षा और अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगी थी.
आरटीआई के जरिए उन्होंने उस आदेश के बारे में औपचारिक जानकारी मांगी थी, जिसके तहत उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी. हालांकि बेन के इंटरव्यू के बारे में जानकारी को सीक्रेट रखा गया था, और इसकी जानकारी प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंची. हालांकि अब भी यह तय नहीं है कि प्रधानमंत्री की पत्नी को मिलने वाली सुरक्षा एसपीजी की ओर से दी जा रही है या राज्य पुलिस की ओर से.
प्रसाद के बाद एसपीजी के सबसे वरिष्ठ अधिकारी एस.एस. चतुर्वेदी एसपीजी का कामकाज संभाल रहे हैं. सरकारी बयान के मुताबिक कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने निर्देश दिया है कि अगले एसपीजी डायरेक्टर की नियुक्ति तक सबसे वरिष्ठ अधिकारी कार्यभार संभाले. नवंबर 2011 में दुर्गा प्रसाद को एसपीजी का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमिटी ने आंध्र प्रदेश कैडर के (1981 बैच) दुर्गा प्रसाद की नियुक्ति को मंजूरी दी थी.
इससे पहले इस बात की चर्चाएं जोरों पर थी कि प्रसाद को सीआरपीएफ में स्पेशल डायरेक्टर जनरल बनाया जा सकता है. लेकिन अचानक हटाए जाने से इस वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर के भविष्य को लेकर चीजें अस्पष्ट हो गई हैं.
इस बीच जशोदा बेन प्रकरण को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. वड़ोदरा से नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के राज्ससभा सांसद मधुसूदन मिस्त्री ने इस मामले को संसद में उठाना चाहा, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली.