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2 साल की ट्रेनिंग पाकर हेडली बना भारत का दुश्‍मन, 5 घंटे की पूछताछ में बताई करतूत

26/11 हमलों के गुनहगार डेविड कोलमैन हेडली का कबूलनामा पाकिस्तान की नींद उड़ा सकता है. विदेशी सरजमीं से पहली बार किसी आतंकी की भारत में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गवाही हुई.

डेविड हेडली डेविड हेडली
विकास वशिष्ठ
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:13 PM IST

शिकागो की जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई की विशेष अदालत में गवाही देने वाले डेविड कोलमैन हेडली ने जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं. हाफिज के भड़काऊ भाषण सुनकर भारत की आर्थिक राजधानी में तीन दिन तक आतंकवाद का खेल खेलने वाले हेडली ने पांच घंटे तक चली सुनवाई के दौरान बताया कि उसने भारत के खिलाफ आतंकवाद में शामिल होने से पहले बाकायदा दो साल की ट्रेनिंग ली है. उसे यह ट्रेनिंग लश्कर ने पाकिस्तान की सरजमीं पर दी.

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हेडली ने किया बड़ा खुलासा
डेविड हेडली ने कोर्ट के सामने कबूल किया कि साजिद मीर नाम के शख्स ने उसे भारतीय पासपोर्ट उपलब्ध कराया था. उसने कोर्ट से अपने बचपन, स्कूली दिनों, कॉलेज की पढ़ाई से लेकर पाकिस्तान में दी गई आतंकी ट्रेनिंग का भी जिक्र किया है. हेडली ने बताया कि साजिद मीर की ओर से भारतीय पासपोर्ट दिए जाने के बाद उसने आठ बार भारत की यात्रा की और इस दौरान सात बार मुंबई गया. उसने बताया कि पहली बार भारत आने से पहले साजिद मीर ने उसे अपने इरादों के बारे में बताया था.

कोर्ट को हेडली ने बताया, 'मैंने भारत में घुसने के लिए अपना नाम बदला. मैं एक अमेरिकी नाम से भारत में घुसना चाहता था. नाम बदलने के बाद मैंने इसकी जानकारी अपने सहयोगी और लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने वाले साजिद मीर को दी.' उसने बताया कि 26/11 हमले के बाद वह 7 मार्च 2009 को फिर भारत आया. वह लाहौर से दिल्ली पहुंचा था.

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हेडली ने कहा, 'मैं आठ में से सात बार पाकिस्तान से भारत आया और एक बार सऊदी अरब से. साजिद मीर ने मुझसे मुंबई शहर के सामान्य वीडियो लेने के लिए कहा था.'

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हाफिज के भाषणों के वीडियो दिखाए गए
हेडली ने सवाल-जवाब के सिलसिले में बताया कि इसे हाफिद सईद कई भाषणों की वीडियो क्लिप दिखाई गईं थीं. जिनसे उसे मोटिवेशन मिला. उसने यह भी बताया कि 26/11 हमले से पहले दो बार मुंबई में हमले की कोशिश की गई लेकिन दोनों बार नाकामी मिली. हमले की पहली कोशिश सितंबर 2008 में की गई थी.

हेडली ने एनआईए की ओर से दिखाई गई तस्वीर में लश्कर आतंकी साजिद मीर की पहचान की.

उज्जवल निकम ने बताया कोर्ट में क्या-क्या हुआ
मामले की सुनवाई के बाद सरकारी वकील उज्जवल निकम ने कहा कि हेडली ने पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और खुफिया एजेंसी आईएसआई के संबंधों को उजागर किया है. हेडली ने बताया है कि 2002 में वह लश्कर से जुड़ा. वह कश्मीर जाकर सेना के खिलाफ लड़ना चाहता था लेकिन जकीउर्रहमान लखवी ने उसे रोका और कहा कि तुम्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी.

निकम ने बताया, 'हेडली को उसकी ज्यादा उम्र होने की वजह से कश्मीर नहीं जाने दिया गया. वह लश्कर के अलग-अलग अड्डों पर जाकर ट्रेनिंग लेता रहा और फिर भारत आकर उसने कई जगहों की रेकी की.' उन्होंने कहा कि हेडली से अब तक की पूछताछ में काफी अहम जानकारियां मिली हैं और वह संतुष्ट हैं. आगे और बातें सामने आने की उम्मीद है.

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सुनवाई के दौरान हेडली ने बताया कि वह ड्रग तस्कर से मिला था, जिसके जरिए वह हथियारों की सप्लाई करवाना चाहता था.

अबू जुंदाल के वकील ने की थी गवाही रोकने की मांग
स्पेशल कोर्ट में हेडली की ओर से वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी ने पैरवी की. वहीं, आतंकी अबू जुंदाल के वकील ने कोर्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस पेशी के दौरान गवाही को रोकने की मांग की.

जुंदाल के खिलाफ क्यों खास है हेडली की गवाही?
26/11 हमलों की साजिश रचने के आरोपी लश्कर आतंकी अबू जुंदाल के खिलाफ चल रहे मुकदमे में हेडली की गवाही काफी अहम है. उसके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध, हत्या, हत्या के लिए अपहरण, धोखाधड़ी, विस्फोटक पदार्थ रखने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई अन्य आरोप भी लगे हैं.

जुंदाल पर लगे हैं ये आरोप
आतंकी अबू जुंदाल पर यह भी आरोप है कि मुंबई में हुई आतंकी हमलों के दौरान वह देश के बाहर बने एक कंट्रोल रूम से आतंकियों को निर्देश दे रहा था. उसे सऊदी अरब में गिरफ्तार किया गया था और 2012 में प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था. फिलहाल वह आर्थर रोड जेल में बंद है.

हेडली के बयान के बाद PAK फिर बेनकाब
इसके पहले रविवार को हेडली ने कबूला था कि हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसकी फौज का हाथ था. उसके इस बयान से पाकिस्तान एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है.

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अमेरिकी कोर्ट से मिली पेशी की इजाजत
अमेरिकी कोर्ट हेडली को आतंकी हमलों की साजिश रचने और आतंकियों को मदद पहुंचाने का दोषी ठहरा चुका है. उसे 35 साल की सजा दी गई है. भारत को बीते दिनों ही उससे पूछताछ की इजाजत मिली थी. हेडली ने पेशी के लिए इस शर्त पर रजामंदी दी है कि उसके खिलाफ लगे आरोप हटा दिए जाएं. कोर्ट ने उसकी कुछ शर्तें मानी थीं.

NIA की जांच में कबूला सच
एनआईए की जांच में हेडली ने हमलों में आईएसआईए और पाकिस्तानी फौज का हाथ होने की बात कबूली. उसने कबूला कि हमले को हाफिज सईद के इशारे पर अंजाम दिया गया. आईएसआई की मदद से हमले किए गए. रेकी के लिए पैसा भी दिया गया.

कबूलनामे में और क्या?

  • दिल्ली में उपराष्ट्रपति के घर, इंडिया गेट और CBI ऑफिस की भी रेकी की.
  • PAK में बैठे आईएसआई के मेजर इकबाल और समीर अली उसके हैंडलर थे.
  • लश्कर के जकी उर रहमान लखवी का हैंडलर ISI का ब्रिगेडियर रिवाज था.
  • लखवी की गिरफ्तारी के बाद ISI चीफ शुजा पाशा उससे मिलने भी गए थे.

पूर्व CIA विश्लेषक ने भी बताया था PAK का हाथ
पूर्व सीआईए विश्लेषक ब्रूस रीडेल ने भी कहा था कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई हमला पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की मदद से किया था. इसके बाद ही पेरिस हमले का खाका तैयार किया गया. उनकी यह बात अमेरिकी कांग्रेस के सांसद और आतंकवाद पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के पूर्व अध्यक्ष ब्रैड शर्मन ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन, विदेश मंत्री जॉन केरी और रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर को एक संयुक्त पत्र लिखकर बताई थी.

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ट्विटर पर है ट्रेंडिंग...
सुबह से ही मुंबई को दहलाने वाला आतंकी डेविड कोलमैन हेडली माइक्रो ब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा. सीरियस से लेकर फनी ट्वीट्स की अचानक बाढ़ सी आ गई. कोई तरह-तरह के ऑप्‍शन देकर सवाल पूछ रहा है तो कोई किसी की बखिया उधेड़ रहा है. सुबह 11:21 बजे तक ट्विटर में #DavidHeadley तीसरे नंबर पर रहा, जो 11:56 पर भारत में टॉप ट्रेंड बन गया.

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