Advertisement

चिदंबरम के ट्वीट पर मोदी सरकार की सफाई, बंद नहीं हो रही सेविंग्स बॉन्ड स्कीम

8 फीसदी सेविंग्स बॉन्ड स्कीम बंद करने को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के सवाल उठाने के बाद मोदी सरकार ने इस पर सफाई दी है. केंद्र सरकार ने साफ किया है कि वह इस स्कीम को बंद नहीं कर रही है. उसने साफ किया है कि इस स्कीम की जगह 7.75 फीसदी नई सेव‍िंग्स  बॉन्ड स्कीम लाई जाएगी.

सरकार ने कहा है कि वह 7.75 फीसदी वाली बॉन्ड स्कीम ला रही है सरकार ने कहा है कि वह 7.75 फीसदी वाली बॉन्ड स्कीम ला रही है
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST

8 फीसदी सेविंग्स बॉन्ड स्कीम बंद करने को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के सवाल उठाने के बाद मोदी सरकार ने इस पर सफाई दी है. वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि वह इस स्कीम को बंद नहीं कर रही है. उसने साफ किया है कि इस स्कीम की जगह 7.75 फीसदी नई सेव‍िंग्स  बॉन्ड स्कीम लाई जाएगी.

आर्थ‍िक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने इसको लेकर सफाई देते हुए ट्वीट क‍िया. इसमें उन्होंने कहा कि इस सेविंग्स बॉन्ड स्कीम को बंद नहीं किया गया है, बल्क‍ि इस पर मिलने वाले ब्याज दर को घटाकर 7.75 फीसदी कर दिया गया है.

Advertisement

दरअसल सोमवार को केंद्र सरकार ने एक अध‍िसूचना जारी कर कहा था कि सेंविग्स (टैक्सेबल) बॉन्ड, 2003 मंगलवार से यानी 2 तारीख से इसे सब्सक्राइब नहीं किया जा सकेगा. इस पर तस्वीर साफ करते हुए गर्ग ने कहा कि इस स्कीम को बंद नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''8 फीसदी सेविंग्स बॉन्ड स्कीम , जिसे RBI बॉन्ड स्कीम भी कहा जाता है. इसे बंद नहीं किया जा रहा है. 8 फीसदी वाली इस स्कीम की जगह 7.75 फीसदी वाला सेविंग्स बॉन्ड स्कीम लाई जा रही है.''

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा था कि मोदी सरकार 8 फीसदी बॉन्ड स्कीम को बंद करने की योजना बना रही है. यह मध्यम वर्गीय लोगों के लिए बड़ा झटका है. उन्होंने कहा था कि यह स्कीम सेवानिवृत्त और मध्यमवर्गीय लोगों के निवेश का एक बड़ा सहारा था.

Advertisement

उन्होंने कहा क‍ि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आम नागर‍िक को सुरक्ष‍ित और बेहतर निवेश का विकल्प मुहैया कराए. उन्होंने कहा कि एकमात्र निवेश के विकल्प को भी वापस लेना बहुत दुखी करने वाला कदम है.

चिदंबरम ने सवाल उठाया था कि क्या सरकार आम लोगों को म्युचुअल फंड और स्टॉक मार्केट में ढकेल रही है. उन्होंने सवाल किया कि आख‍िर सरकार ऐसा कर किसको फायदा पहुंचाना चाहती है.

 ये टैक्सेबल बॉन्ड्स एनआरआई के अलावा अन्य लोगों के लिए होते हैं. इसमें निवेश की अध‍िकतम सीमा नहीं होती है. केंद्र सरकार ने 2003 में रिटेल इन्वेस्टर्स को बढ़ावा देने के लिए यह स्कीम लाई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement