
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और पिछले दिनों कई जगह हुए भी हैं. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में इस कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी देखने को मिली थी. जांच के बाद इस मामले में 53 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने का दोषी पाया गया है. कोर्ट ने दोषियों से 23 लाख रुपये वसूलने का निर्देश दिया है.
मुजफ्फरनगर के एडीएम अमित सिंह ने राजस्व विभाग को 20 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के दोषियों से 23,41,290 रुपये जुटाने का निर्देश दिया है. जांच पैनल ने 57 लोगों को नोटिस जारी किए थे और नुकसान के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए पुलिस और सरकारी विभागों से रिपोर्ट मांगी थी.
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जांच में पूछताछ के दौरान पैनल ने चार लोगों के खिलाफ नोटिस वापस ले लिए. पैनल ने 53 लोगों की ओर से दायर आपत्तियों को खारिज कर दिया और उन्हें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार ठहराया. यह पता चला है कि मुजफ्फरनगर में विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए 51 से अधिक मामले दर्ज किए गए और 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया. मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी का भी गठन किया गया है.(इनपुट/संदीप)
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