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नगालैंडः बीजेपी गठबंधन के साथ NPF ने भी किया सरकार बनाने का दावा

पार्टी की पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के पूर्वोत्तर के पार्टी प्रभारी राम माधव ने अपने कार्यकर्ताओं को जमकर बधाई दी. उन्होंने कहा, ' नगालैंड में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने 30 सीटें हासिल की हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
इंद्रजीत कुंडू
  • दीमापुर ,
  • 04 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

पूर्वोत्तर भारत के 3 राज्यों में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन नगालैंड में नई सरकार के गठन को लेकर कहानी दिलचस्प हो चली है. यहां किसी भी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है.

आने वाले समय में यहां के राजनीतिक हालात में काफी उठापटक देखने को मिल सकता है. सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग की अगुवाई में राज्य में चुनाव लड़ते हुए 27 सीट हासिल कर सबसे बड़ी अकेली पार्टी बन गई, लेकिन यह बहुमत के लिए काफी नहीं है. अभी वह बहुमत से 4 सीट पीछे है.

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बीजेपी गठबंधन भी बहुमत के करीब

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी और एनडीपीपी गठबंधन के पास भी बहुमत नहीं है, जबकि वह इसके बेहद करीब है. 60 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के पास 30 सीट है और बहुमत से महज एक सीट ही पीछे है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में अगली सरकार किसकी बनती है.

पार्टी की पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के पूर्वोत्तर के पार्टी प्रभारी राम माधव ने अपने कार्यकर्ताओं को जमकर बधाई दी. उन्होंने कहा, ' नगालैंड में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने 30 सीटें हासिल की हैं. निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन मिलने से हम राज्य में नई सरकार बनाने के और करीब आ गए हैं.' परिणाम आने के बाद राम माधव शनिवार को ही नवनिर्वाचित विधायकों से मिलने के लिए दीमापुर के लिए रवाना हो गए.

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पार्टी को उम्मीद है कि राज्य में जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर जीतने वाले विधायक का समर्थन मिल जाएगा, जिससे वहां नई सरकार बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा. एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली है.

NPF ने भी किया सरकार बनाने का दावा

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग की पार्टी एनपीएफ भी फिर से सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है. सीएम जेलियांग का कहना है कि उनकी पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, ऐसे में सबसे पहले उसे ही सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए.

उन्होंने कहा कि चुनाव में राज्य के लोगों ने उनके प्रति जो सम्मान दिखाया है, उसके लिए वह उनके आभारी हैं और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर नई सरकार के गठन की संभावनाओं को तलाश रहे हैं.

हालांकि बीजेपी ने चुनाव से पहले ही गठबंधन कर लिया था और उसी के साथ चुनाव लड़ा था. निफियू रिओ की नवगठित पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और बीजेपी का गठबंधन एक साथ चुनाव मैदान में उतरा था. पार्टी ने रिओ को ही मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावेदार भी घोषित किया था, जो निर्विरोध ही चुनाव जीत गए.

एनडीपीपी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि उसकी साझीदार बीजेपी ने 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए. बीजेपी को 12 सीटें हासिल हुईं जो उसका सबसे शानदार प्रदर्शन भी है. पिछले चुनाव (2013) में उसे राज्य में महज एक सीट मिली थी. एनडीपीपी को 17 सीटें मिली हैं.

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अब देखना होगा कि राज्यपाल पीबी आचार्य राज्य में नई सरकार के गठन के लिए किसे सबसे पहले आमंत्रित करते हैं.

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