
हरी शरण लामीचाने आरजे हैं, नेपाल में 100 एफएम में काम करता है. रेडियो में शो कर वो सुबह 11 बजे अपने घर जाने की तैयारी करने लगे, तभी उसके दोस्त का फोन आया और वह रुक गया.
हरी को कुछ देर अपने दोस्त के साथ बात करने के बाद लगा कि थोड़ा और रुकना चाहिए और कैन्टीन से ही खाना खाकर घर जाना चाहिए. इसके बाद करीब 11 बजकर 45 मिनट पर सब हिलने लगा. वह कुछ देर रुका, लेकिन भूकंप के झटके रुके नहीं. इसके बाद उसने वो किया जो अभी काठमांडू में चर्चा का विषय बन गया है.
हरी ने कहा, 'भूकंप जब नहीं रुका तो मैं दोबारा स्टूडियो की ओर दौड़ा. मुझे लगा कि ये मेरी ड्यूटी है कि मैं रेडियो के जरिए संदेश दूं. मेरे पास कोई स्क्रिप्ट नहीं थी. मैंने earthquake.com खोला और वहां जो भी सूचनाएं थी, वो सब लोगों के साथ साझा की.'
करीब एक घंटे के अंदर उसने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया और ऑन-एयर आकर लोगों को डरने और घबराने से मना किया. उस हालात में लोगों तक संदेश पहुंचा भी, क्योंकि सब घरों से बाहर थे और रेडियो बंद नहीं हुआ था और सभी संदेश सुन पा रहे थे. रेडियो नॉन स्टॉप लोगों तक सूचनाएं पहुंचा रहा था. लोग अपने मोबाइल से रेडियो सुन रहे थे.
लोगों की प्रतिक्रिया को देखते हुए, नेपाल रेडियो को लोकल एफएम चैनल्स से जोड़ दिया गया, सभी जगहों पर अब लगातार जरूरी सूचनाओं का प्रसारण हो रहा था. इसके बाद रेडियो ने सरकार को फोन और एसएमएस फ्री करने का अनुरोध भी किया. इस अनुरोध के सामने मंत्रालय बाध्य था, रेडियो नेपाल का कद अचानक बहुत बड़ा हो गया.
हरी शरण लामीचाने नेपाली रेडियो में सीनियर एडिटर है. उन्होंने कहा, 'अब जब रेडियो जाग गया है तो हमें रेडियो नेपाल को 100% सार्वजनिक सेवा प्रसारण बनना चाहिए.' ये सब तो भविष्य में होगा, लेकिन हरी अभी कोई चांस नहीं लेना चाहते हैं. वो अपने घर में सब्जियां उगाते हैं, क्योंकि रेडियो का वेतन बहुत ज्यादा नहीं होता है.