
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी और उपराज्यपाल (एलजी) किरण बेदी सोशल मीडिया एक बार फिर ट्विटर पर भिड़ गए. किरण बेदी ने चुनाव प्रचार के दौरान बगैर हेलमेट के बाइक पर सवार नारायणसामी की अखबारों में छपी फोटो ट्वीट करते हुए इसे मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन बताया, तो वहीं नारायणसामी ने भी बाइक पर सवार बेदी की तस्वीरें साझा कर तंज कस दिया. नारायणसामी ने इसे एमएचसी के आदेशों का उल्लंघन बता दिया.
गौरतलब है कि रविवार की सुबह उपराज्यपाल बेदी ने एक तस्वीर ट्वीट की, जिसमें सीएम की कामराज नगर में बगैर हेलमेट लगाए बाइक पर सवार फोटो अखबारों में छपी थी. बेदी ने अपने इस ट्वीट में पुडुचेरी के डीजीपी और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी टैग कर दिया. इस ट्वीट के कुछ घंटों बाद ही सीएम ने बेदी के ट्वीट पर उनकी तस्वीरें ट्वीट करते हुए तंज कसा. उन्होंने इसे हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि सोशल मीडिया का उपयोग मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल आदि की ओर से ऑफिशियल कम्यूनिकेशन के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे एलजी का ट्वीट दिखाई नहीं दे रहा. एलजी को यह एहसास होना चाहिए कि चुनाव हो रहे हैं. चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग के पास अधिकार हैं. उन्होंने कहा कि कल प्रचार का आखिरी दिन था और बाइक रैली निकाली गई थी, जिसमें मैं भी शामिल था. मैं कैडरों के साथ गया था. अगर हेलमेट पहनता, तो किसे पता चलता कि सीएम आ रहे हैं या नहीं. मुख्यमंत्री ने एलजी पर सोशल मीडिया के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि अगर वह लोगों को बताना चाहती हैं तो उन्हें यह देखना चाहिए कि वह क्या प्रचार करती हैं.
अगर यह अपराध तो कार्रवाई करे कोर्ट
मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा कि जब वह बिना हेलमेट के सामान्य दिनों में स्कूटर से जा सकती हैं, तब उन्हें मुझे चुनाव के समय हेलमेट पहनने के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने बेदी को स्वयं भी वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने की सलाह दी और कहा कि वह पहले स्वयं ऐसा करें फिर दूसरों को सिखाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यह अपराध है तो अदालत कार्रवाई करे. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नारायणसामी और उपराज्यपाल पहले भी सोशल मीडिया पर आमने-सामने आ चुके हैं.
मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा, "5 महीने पहले किरण बेदी शहर में बिना हेलमेट के घूम रही थीं. तब इलेक्शन का समय नहीं था. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट उन पर भी लागू होते हैं. उनके खिलाफ भी एक शख्स ने डीजीपी से शिकायत की थी."
उन्होंने आगे कहा, "उप-राज्यपाल को चुनावी समय में दखल देने का कोई अधिकार नहीं होता क्योंकि तब मॉडल कोड लागू होता है. अगर मैं कैंपेन के समय हेलमेट पहनता तो लोगों को कैसे पता लगता कि वोट मांगने कौन आ रहा है."