
तेजस्वी के इस्तीफे की मांग से बिहार की सियासत में उठापटक की संभावना बन रही है. इस मुद्दे के साथ अब महागठबंधन का वजूद भी जुड़ गया है. लालू और नीतीश के बीच रस्साकशी इस बात पर है कि अब पीछे कौन हटेगा. ऐसे में महागठबंधन की तीसरी पार्टी कांग्रेस किसके साथ खड़ी है यह जानना निर्णायक और दिलचस्प हो गया है.
अहम हो गया है कांग्रेस का साथ
आंकड़ों के खेल में कमोबेश लालू यादव के पास 80 विधायक हैं और नीतीश कुमार के 71 विधायक हैं. दोनों के बीच विधायकों के संख्या बल में मामूली अंतर है. कांग्रेस के पास 26 विधायक हैं, लेकिन ये किसी को नहीं पता है कि कांग्रेस किस के साथ खड़ी होगी. कांग्रेस जिसका साथ देगी, उसका पलड़ा भारी हो जाएगा.
सीएम नीतीश के पास ये हैं विकल्प
कांग्रेस में लालू और नीतीश को लेकर भी राय जुदा है, लेकिन मौजूदा दौर में राहुल गांधी का समर्थन काफी अहमियत रखता है. नीतीश कुमार इतना जानते हैं कि तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री के पद से हटाने के बाद उनकी सरकार को कुछ नहीं होगा क्योंकि गाहे-बगाहे बीजेपी ये कह चुकी है कि अगर नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को अपनी कैबिनेट से बाहर करते हैं तो उनकी सरकार को बाहर से समर्थन दे देगी. इसलिये नीतीश कुमार अपनी सरकार को लेकर आश्वस्त हैं. कांग्रेस उनके साथ खड़ी रहती है तो नीतीश कुमार प्लान बी पर काम करेंगे यानी कि लालू यादव की पार्टी में पहले की तरह तोड़फोड़ करेंगे.
बीजेपी से समर्थन के मायने
लेकिन नीतीश कुमार के लिए बीजेपी का समर्थन भविष्य की राजनीति में फायदेमंद कम और नुकसानदायक ज्यादा रहेगा क्योंकि बीजेपी में सिर्फ पीएम मोदी का राज चलता है.