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महाराष्ट्र सरकार की मंत्री पंकजा मुंडे एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं. सूखाग्रस्त लातूर के दौरे पर पहुंचीं पंकजा मुंडे ने अपनी सेल्फी और अन्य तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की थीं. विपक्षी पार्टियों ने इन्हीं तस्वीरों के जरिए सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. सोमवार को पंकजा मुंडे कैबिनेट मीटिंग में भी नहीं शामिल हुईं. इसके साथ ही उन्होंने सफाई भी दी है.
दरअसल, पंकजा मुंडे लातूर जिले के सूखा प्रभावित इलाकों में कामों का जायजा लेने पहुंची थीं. वहां जल योजनाओं और अन्य सरकारी कामों के बैकग्राउंड पर उन्होंने सेल्फी खींची. पंकजा मुंडे ने जल परियोजना और बांध जैसी जगहों की तस्वीरें और सेल्फी साझा की थीं.
कैबिनेट मीटिंग शामिल नहीं हुईं पंकजा
सेल्फी को लेकर विवादों में घिरीं पंकजा मुंडे ने सोमवार को कैबिनेट मीटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया. उन्होंने हीट स्ट्रोक को वजह बताते हुए कैबिनेट बैठक से किनारा किया.
'दौरे के नाम पर टूरिज्म कर रहे हैं मंत्री'
विपक्षी पार्टी एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि सूखे को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. अकाल और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के नाम पर मंत्री टूरिज्म कर रहे हैं.
खडसे भी घिरे थे विवादों में
बता दें कि इसके पहले लातूर के दौरे पर गए राज्य के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे भी विवादों में घिरे थे. पानी की समस्या से जूझ रहे लातूर में मंत्री के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए हेलीपैड बनाने में हजारों लीटर पानी बर्बाद हुआ था.
फिर शिवसेना के निशाने पर सरकार
शिवसेना ने इस मामले में भी सरकार को निशाने पर लिया और कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सूखा प्रभावित लातूर में जाकर मंत्री सेल्फी खींच रहे हैं.
वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बीजेपी अपने आप में एक सेल्फी पार्टी है. उसके मंत्री ने जो किया वह सूखा पीड़ितों का मजाक उड़ाना है.
विवाद पर पंकजा ने दी सफाई
सेल्फी विवाद सफाई देते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि उन्होंने लातूर में पानी की समस्या को लेकर कई मीटिंग कीं. कई जगहों पर पानी के लिए खुदाई भी हुई लेकिन असफलता मिली. रविवार को साईं बैराज पर हमें पानी मिला, जिससे थोड़ी राहत और खुशी मिली. उन्होंने कहा, 'पानी मिलने पर मुझे बेहद खुशी हुई और मैंने इसकी तस्वीर खींचने के बारे में सोचा जो कि मैं आम तौर पर नहीं करती. यह खुशी रेगिस्तान में पानी जैसी ही थी. यह किसी समारोह में खींची गई तस्वीर नहीं है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे दूसरा रंग देने की कोशिश की.'
पंकजा ने कहा कि ऐसी कहानियों से किसी की इज्जत उछालकर लोगों को क्या मिलेगा और इससे किसानों का क्या भला होने वाला है? यह तस्वीर 45 डिग्री में खींची गई थी, यह एक्साइटमेंट नहीं सैटिस्फैक्शन था.