
भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का शुरुआती दौर चल रहा है लेकिन इस बीच शेयर बाजारों के समक्ष आने वाले समय में बड़ी चुनौतियां खड़ी हैं. ऐसे में शेयर मूल्यों में गिरावट का एक और दौर चल सकता है. हालांकि घरेलू स्तर पर कई वजहों से बाजार उच्च स्तर पर टिका हुआ है.
एडेलवाइस इनवेस्टमेंट रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि घरेलू म्युचुअल फंड में SIP में लोगों की रुचि से बाजार को समर्थन मिल रहा है. रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में चुनावों, बॉन्ड प्रतिफल ऊंचा होने, रुपये का कमजोर होना जैसे कई फैक्टर भारतीय बाजारों के सामने दिक्कत खड़ी कर सकते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘लघु अवधि के लिए जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तरफ हम बढ़ेंगे निफ्टी 10,000 अंक के आसपास रहेगा.’ इसमें कहा गया है कि बाजार में सतर्कता के संकेत होंगे. ‘हमारा अनुमान है कि निफ्टी में बिकवाली का एक और दौर चल सकता है और यह मार्च 2018 के निचले स्तर की तरफ जा सकता है.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि म्युचुअल फंड में निवेश अब हर महीने एक अरब डॉलर के पार पहुंच गया है. यह काफी बड़ी राशि है और बाजार को समर्थन देने वाली है. इससे उतार चढ़ाव को थामने में मदद मिलती है. रिपोर्ट के मुताबिक निफ्टी में शामिल कंपनियों के परिणाम उम्मीद के अनुरूप रहे हैं. हालांकि बड़ी कंपनियों का इसमें अधिक योगदान रहा है.
निफ्टी की 26 कंपनियों में जिनके नतीजे आए हैं, उनका शुद्ध लाभ 15 प्रतिशत बढ़ा है. इसमें टीसीएस, रिलायंस, एचडीएफसी बैंक जैसी कंपनियों का योगदान है.