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तिहाड़ जेल में बंद सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय ने सुप्रीम कोर्ट से आखिरी मौका मांगा है. सहारा ने ताजा याचिका लगाकर कहा है कि सुब्रत को जेल से बाहर आने दिया जाए. उनके बिना इतनी बड़ी रकम जुटाना मुमकिन नहीं है. अब सहारा ने रकम जुटाने के लिए 30 महीने की मोहलत मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट सुब्रत की ताजा याचिका पर सुनवाई करने को राजी हो गया है. कोर्ट ने सुब्रत की रिहाई के लिए सहारा समूह से 5000 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी और इतनी ही रकम सेबी के पास जमा कराने को कहा था. कोर्ट ने सहारा से निवेशकों को 36 हजार करोड़ रुपए कुल नौ किस्तों में लौटाने का आदेश दिया है.
अपनी मर्जी से रह रहे हैं जेल में
पिछली सुनवाई के दौरान जब सहारा ने रकम जुटा पाने में असमर्थता जताई थी तो कोर्ट ने कहा था कि सुब्रत अपनी मर्जी से जेल में रह रहे हैं. एक तरफ तो यह कहते हैं कि उनके पास 1,85,000 करोड़ रुपए की संपत्ति है. दूसरी तरफ कहते हैं कि इसमें से पांचवां हिस्सा भी देने में समर्थ नहीं हैं.
डेढ़ साल से जेल में हैं सुब्रत
निवेशकों को 24 हजार करोड़ रुपये लौटाने के लिए दिए गए अदालत के आदेश को न मानने पर सुब्रत और उनके समूह के दो निदेशक 4 मार्च 2014 से जेल में हैं. यह रकम उनके समूह की दो कंपनियों एसआईआरईसीएल और एसएचएफसीएल ने 2007-2008 में निवेशकों से वसूली थी.