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सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को कहा- आप अपनी मर्जी से जेल में हैं

सहारा ग्रुप के चीफ सुब्रत रॉय की मानवीय आधार पर रिहाई की मांग पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कोर्ट ने कहा, 'आप अपनी इच्छा से जेल में हैं.'

सुब्रत रॉय (फाइल फोटो) सुब्रत रॉय (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST

सहारा ग्रुप के चीफ सुब्रत रॉय की मानवीय आधार पर रिहाई की मांग पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कोर्ट ने कहा, 'आप अपनी इच्छा से जेल में हैं.'

आप अपनी मर्जी से जेल में: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘एक बात परेशानी की है कि रॉय एक तरफ तो यह कहते हैं कि उनके पास 1,85,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां हैं. जब इसमें से पांचवां हिस्सा देने की बात आती है, तो वह उसे देने में असमर्थ हैं.’

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न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘आपको इसमें से सिर्फ पांचवें हिस्से का भुगतान करना है. जिस व्यक्ति के पास इतना पैसा है वह अपनी प्रापर्टी नहीं बेच रहा और जेल रहकर अपनी आजादी गंवा रहा है. आप जेल में अपनी मर्जी से हैं.’ पीठ ने यह निष्कर्ष रॉय द्वारा पहले किए गए इस दावे पर निकाला जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास निवेशकों को देने के लिए काफी संपत्तियां हैं.

मानवीय आधार पर रिहाई की मांग
जाने-माने वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत के लिए यह उचित नहीं है कि वे सुब्रत रॉय को जेल में रखें जबकि उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. सिब्बल ने कहा कि अन्य बड़े उद्योग घरानों को इस तरह की परेशानी नहीं झेलनी पड़ती है और उनके 1,000 करोड़ रुपये तक के कर्ज को रिजर्व बैंक और बैंकों द्वारा 5 से 10 साल में भुगतान की सुविधा दी जाती है. उन्होंने कहा कि राय के लिए जेल में रहते हुए इतनी बड़ी राशि का प्रबंध कर पाना आसान नहीं है और अदालत को मानवीय आधार पर उनको रिहा करने पर विचार करना चाहिए.

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इस पर पीठ ने कहा, ‘इस बात को समझें हमारी कुछ अड़चनें हैं. इसी न्यायालय द्वारा पूर्व में दिए गए आदेशों को पढ़ेंगे, तब आप जानेंगे कि आपका मुवक्किल जेल में क्यों है. आप पढ़ें तो आप ऐसा नहीं बोलेंगे. इस पर सिब्बल ने कहा कि उन्होंने सभी आदेशों को पढ़ा है और न्यायालय को मानवीय आधार पर राय की रिहाई पर फैसला करना चाहिए.

मुझे न्याय मिलेगा: सिब्बल
इस पर पीठ ने कहा, ‘यदि आपको रिहा भी कर दिया जाए, तो भी तलवार आपके सिर पर लटकती रहेगी. आपको शेष राशि का भुगतान करना होगा. इस मामले पर दिन, सप्ताह या महीनों तक बहस हो सकती है.’ इस पर सिब्बल ने तपाक से कहा ‘मुझे न्याय मिलेगा.’ इसके जवाब में पीठ ने कहा, ‘कोई भी पीठ आपको न्याय देगी. व्यक्ति इसी अवधारणा के साथ चलता है.’ पीठ ने हाल में सहारा समूह की गोरखपुर में 140 एकड़ जमीन बिक्री सौदे को भी अनुमति दी. यह सौदा 152 करोड़ रुपये में हुआ है.

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