
पाकिस्तान में हिंदू होना गुनाह है. क्रिकेटर दानिश कनेरिया के केस में कुछ ऐसा ही वहां हो रहा है. इस बात को बकायदा वहां की संसद में नेताओं ने कहा भी. पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया को हिंदू होने की वजह से मदद नहीं मिल रही है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सांसद रमेश कुमार वंकवानी ने अंतर्राज्यीय समन्वय से संबंधित नेशलन असेंबली की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में कहा, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड दानिश प्रभाशंकर कनेरिया को वितीय और कानूनी मदद नहीं दे रहा है, क्योंकि वो हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते हैं.
पाकिस्तान में हिंदुओ के साथ हमेशा अन्याय होता रहा है चाहे उनका योगदान बेहतर ही क्यों न रहा. क्रिकेट जगत में देखें तो पाकिस्तान में मुस्लिम क्रिकेटरों को हमेशा मदद मिली है. आईये आपको बताते हैं, वो कौन से क्रिकेटर हैं, जिनके साथ पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) उनके बुरे वक्त में हमेशा साथ खड़ा हुआ.
मोहम्मद आमिर
तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर पर पांच साल बैन के साथ इंग्लैंड में जेल भी जाना पड़ा था. पांच साल का बैन खत्म होने के बाद पीसीबी ने आईसीसी से उन्हें टीम में शामिल करने की गुहार लगाई. जिसे आईसीसी ने माना और आज तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर पाकिस्तान क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा हैं. हाल ही में भारत में खेले गए टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप में उन्होंने शानदार गेंदबाजी की थी. उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह दी. आमिर आज पाकिस्तान क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा हैं.
बल्लेबाज सलमान बट्ट
स्पॉट फिक्सिंग मामले में पाकिस्तानी बल्लेबाज को इंग्लैंड में जेल की हवा खानी पड़ी थी, आईसीसी ने उन पर 10 साल का बैन लगाया था. लेकिन जब सलमान सजा काट कर, पाकिस्तान लौटे तो उनके समर्थकों ने उनका स्वागत फूल मालाओं के साथ किया था. इसके बाद बट्टा ने पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेट में शानदार तरीके से वापसी की और वाटर और पावर डेवपलमेंट ऑथोरिटी की तरफ से खूब रन भी बनाए. बट्ट पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे चुके हैं.
तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ
साल 2010 में पाकिस्तानी तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ पर आईसीसी ने सात साल का बैन लगाया था. आसिफ की गिनती दुनिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में होती रही है. फिलहाल आसिफ भी पाकिस्तान की घरेलु क्रिकेट लीग में अपने हाथ आजमा रहे हैं. पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से उन्हें पूरा समर्थन मिल रहा है.