
गया रोडरेज मामले के 150 से अधिक घंटे गुजर चुके हैं, लेकिन जेडीयू विधायक मनोरमा देवी अब तक बिहार पुलिस की पकड़ से दूर है. गया पुलिस की एसआईटी बीते 5 दिनों से लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन मनोरमा को पकड़ना तो दूर उनका सुराग तक नहीं मिल पा रहा. मनोरमा की खोज में पुलिस झारखंड तक में छापेमारी कर चुकी है. सबके बावजूद नतीजा सिफर रहा है.
पुलिस पर लग रहा है ढुलमुल रवैए का आरोप
इस मामले में पहले दिन से ही पुलिस पर ढुलमुल रवैया लगाने का आरोप लग रहा है. एसआईटी बनाने के बावजूद इस हत्याकांड में एक भी आरोपी को पुलिस खुद नहीं दबोच पाई. जेडीयू
विधायक मनोरमा देवी और आरजेडी से जुड़े स्थानीय दबंग बिंदी यादव का बेटा रॉकी यादव को एक डील के तहत खुद मनोरमा ने पुलिस के हवाले किया. इसके बाद दूसरा आरोपी टेनी यादव भी
पुलिस सुरक्षा को धता बताकर आसानी से गया कोर्ट में सरेंडर कर गया.
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पुलिस और एसआईटी को इस केस में आरोपियों की कोई भनक तक नहीं लग रही. इस दौरान सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि मनोरमा देवी आखिर हैं कहां? उनके छुपने को मसले में इस वक्त कई थ्योरी पर चर्चा की जा रही है.
थ्योरी 1- नक्सलियों की सुरक्षा में है मनोरमा देवी
पुलिस सूत्रों की मानें तो मनोरमा देवी गया शहर के आसपास नक्सलियों के सुरक्षित इलाके में है. उन इलाकों में घुसना पुलिस के लिए लगभग नामुमकिन है. इमामगंज, मोहनपुर और
बाराचट्टी के जंगलों के कई गांव नक्सलियों के मांद कहे जाते हैं. पुलिस वहां दिन में भी जाने की हिम्मत नहीं दिखाती. गया शहर से महज 45-60 किमी की दूरी पर स्थित इन इलाकों में
मनोरमा छुपी हो सकती है. हालांकि कई जगहों पर पुलिस ने रेड किया है लेकिन उसे मनोरमा हाथ नहीं लगी है. सबसे ज्यादा संभावना इसी थ्योरी के सच होने की है.
थ्योरी 2- झारखंड में बिंदी यादव का पुराना ठिकाना
मनोरमा देवी गया से सटे झारखंड की सीमाई इलाके में हो सकती है. झारखंड के हंटरगंज में बिंदी यादव का पुराना ठिकाना था जहां वह कई बार पुलिस से बचने के लिए छिप चुका है. ऐसे में
पुलिस को वहां भी छिपे होने का अंदेशा है, लेकिन शनिवार रात को वहां छापेमारी में भी मनोरमा देवी हाथ नहीं आई. पुलिस को अंदेशा है कि मनोरमा उसी इलाके में अब भी हो सकती है.
क्योंकि वह इलाका बिंदी यादव के गुरु कल्लू सिंह का है. उसके साथ मिलकर बिंदी ने इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया है. हो सकता है मनोरमा ने वहीं पनाह ले रखी हो.
थ्योरी 3- सरेंडर के लिए गया शहर में ही ठिकाना
एक थ्योरी के मुताबिक मनोरमा देवी गया शहर के भीतर ही किसी सुरक्षित ठिकाने पर हो दुबकी हो सकती है, ताकि जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी के बजाए वो तुरंत सरेंडर कर सकें. पुलिस को
ऐसे कई ठिकानों की सूचना मिली थी. इसके आधार पर पुलिस ने बिंदी यादव के भाई शीतल यादव के घर की तलाशी ली. वहां भी मनोरमा नहीं मिलीं. ऐसे कई घर हैं जहां मनोरमा आसानी से
पनाह ले सकती हैं.
थ्योरी 4- गिरफ्तारी के बजाय दबाव बना रही है पुलिस
चौथी थ्योरी के मुताबिक पुलिस मनोरमा देवी को पकड़ने के बजाय उन पर दबाव बनाने की थ्योरी पर काम कर रही है. पुलिस को मालूम है कि उसके पति और बेटे जेल जा चुके हैं. सरकार
उनकी संपत्ति के अधिग्रहण की तैयारी में है. ऐसे में मनोरमा ज्यादा दबाव नहीं बर्दाश्त नहीं कर पाएंगी और जल्द ही पुलिस के शिकंजे में होंगी.
गया से पटना तक पुलिस ने साधी चुप्पी
बहरहाल मनोरमा देवी मामले में लगातार पिट रही भद की वजह से अब पुलिस इस मामले पर मुंह खोलने तक के लिए तैयार नहीं है. गया एसएसपी ने चुप्पी साध ली है. वहीं पटना में बैठे
आला अधिकारियों को फिलहाल कोई जबाब नहीं सूझ रहा.