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इन मुद्दों पर चुप्पी क्यों नहीं तोड़ते मोदी जी?

20 मार्च 2014 का दिन शायद हर देशवासी के जेहन में आज भी ताजा होगा, जब संसद में आपका पहला दिन था और आपने लोकतंत्र के मंदिर की सीढ़‍ियों पर माथा टेका था. देश के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार ऐसा किया था. ऐसे में हम आपसे ये उम्मीद क्यों न करें कि आप संसद में देश से जुड़े उन अहम मुद्दों पर जवाब देंगे, जिन पर देशभर में बहस छिड़ी है.

कई अहम मुद्दों पर चुप्पी नहीं तोड़ रहे पीएम मोदी कई अहम मुद्दों पर चुप्पी नहीं तोड़ रहे पीएम मोदी
रोहित गुप्ता
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  • 06 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

प्रधानमंत्री जी, जब आपने देश की सत्ता संभाली थी तो हमने उम्मीद लगाई थी कि आप देश से जुड़े हर अहम मुद्दे पर बोलेंगे. आप मनमोहन सिंह की तरह 'मौनी बाबा' साबित नहीं होंगे. लेकिन गुरुवार को संसद में जोरदार भाषण देने के बावजूद आपने जिस तरह कई अहम मुद्दों और सवालों पर चुप्पी साधे रखी, उससे बेहद निराशा हुई.

20 मार्च 2014 का दिन शायद हर देशवासी के जेहन में आज भी ताजा होगा, जब संसद में आपका पहला दिन था और आपने लोकतंत्र के मंदिर की सीढ़‍ियों पर माथा टेका था. देश के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार ऐसा किया था. ऐसे में हम आपसे ये उम्मीद क्यों न करें कि आप संसद में देश से जुड़े उन अहम मुद्दों पर जवाब देंगे, जिन पर देशभर में बहस छिड़ी है.

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मोदी जी, टीवी पर हम आपकी पार्टी के प्रवक्ताओं के विचार तो रोज ही सुन रहे हैं, मेरी आपसे अपील है कि संसद में या संसद के बाहर, इन सवालों के जवाब जरूर दें.

जेएनयू और देश विरोधी नारेबाजी
जेएनयू मामले में दिल्ली पुलिस कोर्ट में यह साबित ही नहीं कर पाई कि छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने यूनिवर्स‍िटी कैंपस में देश विरोधी नारे लगाए और अदालत से कन्हैया को 6 महीने के लिए अंतरिम जमानत मिल गई. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हाफिज सईद के फर्जी ट्वीट को आधार बताकर इस पूरे मामले को हाफिज के समर्थन का दावा तक कर डाला था, लेकिन आपने गुरुवार को संसद में इस मामले में एक शब्द तक नहीं बोला. देशद्रोह और देश विरोधी नारेबाजी के मामले में भी अगर आप नहीं बोलेंगे तो पूरे देश को आपकी चुप्पी अखरेगी ही.

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कालाधन
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश में काला धन रखने वाले नागरिकों के लिए चार महीने की मोहलत देने की घोषणा की जिसमें वे 45 फीसदी टैक्स और जुर्माना चुकाकर अपने काले धन को 'सफेद' बना सकते हैं. राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए इसे उनकी फेयर एंड लवली योजना करार दिया. आपने गुरुवार को राहुल पर तो पलटवार किया, लेकिन इस अटपटी योजना पर कुछ नहीं कहा. क्या इस योजना से कालाधन रखने वाले उन लोगों को हौसला और नहीं बढ़ेगा, जो कुछ करोड़ देकर अपनी अरबों की ब्लैकमनी को व्हाइट बना लेंगे?

जाट आंदोलन
प्रधानमंत्री जी आप दिल्ली में रहते हैं और आपके पड़ोस में ही हरियाणा जाट आंदोलन की आग में जलता रहा. अरबों की संपत्ति‍ स्वाहा हो गई, 19 लोगों की जान चली गई, मुरथल में महिलाओं से गैंगरेप का मामला भी उठा. आपकी पार्टी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक मीटिंग में जाट आंदोलन से हुई तबाही सुनकर एक बार तो रो भी पड़े , लेकिन आपने पता नहीं क्यों इस पर चुप्पी तोड़ना क्यों जरूरी नहीं समझा?

ईपीएफ पर टैक्स
नौकरीपेशा लोगों ने वित्त मंत्री से उम्मीद लगाई थी कि बजट में वे आयकर में छूट की सीमा कम से कम 20-30 हजार रुपये तो बढ़ाएंगे, लेकिन आपकी सरकार ने छूट बढ़ाना तो दूर ईपीएफ निकालने पर टैक्स लगाकर मिडिल क्लास के जले पर नमक छिड़क दिया. सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि आपने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री को रास्ता निकालने के लिए कहा है, लेकिन प्रधानमंत्री जी आप खुद संसद में करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को इस मामले पर तसल्ली देते तो बेहतर होता.

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पठानकोट में हमला, पेरिस में पाकिस्तान से सीक्रेट मीटिंग
पठानकोट हमले के जख्म भरे भी नहीं थे. खबर आ गई कि पठानकोट हमले के ठीक बाद 2 जनवरी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने पेरिस में अपने पाकिस्तानी समकक्ष नसीर खान जंजुआ से सीक्रेट मीटिंग की थी. भले ही राहुल गांधी ने संसद में सिर्फ आपकी लाहौर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ चाय पर चर्चा को लेकर सवाल उठाया, लेकिन हम आपसे यह जानना चाहते हैं कि जब पठानकोट एयरबेस के अंदर हमारे जवान आतंकियों से जूझ रहे थे, तब पाकिस्तान के साथ पेरिस में सीक्रेट मीटिंग का क्या मतलब?

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