भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र - इसरो (Indian Space Research Organisation - ISRO) देश की सुरक्षा में हमेशा से मदद कर रहा है. देश की सीमाओं की निगरानी, घुसपैठ, आपदा राहत में देश की मदद करने वाले इसरो का इस साल यानी साल 2019 में सिर्फ एक ही मिशन रहा. यह मिशन था भारत को और सुरक्षित करना. यानी इसरो का मिशन 'सेफ इंडिया'. इसरो का फोकस इस साल सिर्फ रक्षा सैटेलाइट्स पर ही है. . (फोटोः ANI)
ये तीन रक्षा उपग्रह छोड़े जा चुके हैं...
माइक्रोसैट-आर (MICROSAT-R)
इस उपग्रह को 24 जनवरी 2019 को पीएसएलवी-सी 44 रॉकेट से लॉन्च किया गया था. इसका काम है भारत के जमीन की तस्वीरें लेना. यह पृथ्वी से 274 किलोमीटर की ऊंचाई पर सन-सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है. (फोटोः इसरो)
एमीसैट (EMISAT)
इस सैटेलाइट को 1 अप्रैल 2019 को पीएसएलवी-सी 45 रॉकेट से लॉन्च किया गया था. इसका काम है इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के जरिए दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और संचार को पकड़ना. 436 किलोग्राम का यह उपग्रह 748 किलोमीटर की ऊंचाई पर सन-सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है. (फोटोः इसरो)
रीसैट-2बी (RISAT-2B)
इस सैटेलाइट को 22 मई 2019 को पीएसएलवी-सी 46 रॉकेट से लॉन्च किया गया था. इसका काम है राडार आधारित इमेजिंग करना. यह पृथ्वी से 557 किलोमीटर ऊपर भारत के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है. इसका उपयोग कृषि, जंगल और आपदा प्रबंधन के लिए किया जाएगा. लेकिन इससे सेना को भी मदद दी जा सकती है. (फोटोः इसरो)
ये चार उपग्रह और छोड़े जाएंगे...
कार्टोसैट-3 (CARTOSAT-3)
इस सैटेलाइट को 25 नवंबर 2019 को सुबह 9.28 बजे पीएसएलवी-सी 47एक्सएल रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. यह उपग्रह पृथ्वी से 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर पोलर ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा. इसका कैमरा दुनिया का सबसे ताकतवर सैटेलाइट कैमरा है. यह हाथ में बंधी घड़ी का समय तक देख सकता है. (फोटोः इसरो)
जीआईसैट-1 (GiSAT-1)
इस सैटेलाइट को इसरो पहली बार लॉन्च करने जा रहा है. संभावित लॉन्चिंग दिसंबर अंत तक है. इसके तहत दो उपग्रह छोड़े जाएंगे जो भारत की सीमाओं की ही तस्वीरें लेंगे. एक सैटेलाइट की उम्र दस साल होगी. इसका वजन 2100 किलोग्राम होगा. इसे जीएसएलवी-एमके 2 रॉकेट से लॉन्च करने की संभावना है. यह पहला रक्षा उपग्रह होगा जो जियो-स्टेशनरी ऑर्बिट में एक ही जगह स्थिर रहकर भारत की सीमाओं की निगरानी करेगा. (फोटोः इसरो)
रीसैट-2बीआर1 और 2 (RiSAT-2BR1 & 2BR2)
सभी प्रकार के मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम. प्राकृतिक आपदाओं में मदद करेगा. इस उपग्रह के जरिए अंतरिक्ष से जमीन पर 3 फीट की ऊंचाई तक की उम्दा तस्वीरें ली जा सकती हैं. इस सीरीज के उपग्रहों को सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकने के लिए 26/11 मुंबई हमलों के बाद विकसित किया गया था. (फोटोः इसरो)