मोदी सरकार लगातार कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाती रहती है. इसी दिशा में केंद्र सरकार अब यूनीफाइड पेमेंट सर्विस (UPI) को बेहतर बना रही है. इसकी खातिर UPI 2.0 लॉन्च किया जा रहा है.
यूपीआई 2.0 इसी हफ्ते लॉन्च किया जा सकता है. यूपीआई के नये वर्जन के साथ आपको नई सुविधाएं भी मिलेंगी. इसमें ऑटो डेबिट और लेन-देन की लिमिट डबल करने समेत अन्य कई सुविधाएं शामिल हैं. 2016 में लॉन्च किए गए यूपीआई के नये वर्जन में आपको कुछ अहम सेवाएं मिल सकती हैं.
डबल ट्रांजैक्शन लिमिट:
यूपीआई से लेन-देन की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की जा सकती है.
ओवरड्राफ्ट अकाउंट:
मौजूदा समय में आप सिर्फ बैंक खातों को यूपीआई से लिंक कर सकते हैं. लेकिन नये वर्जन में कारोबारियों को ओवरड्राफ्ट अकाउंट को लिंक करने की सुविधा मिल सकती है.
ई-वॉलेट्स:
फिलहाल सिर्फ बैंक खातों को यूपीआई से जोड़ा जा सकता है,
लेकिन नये वर्जन में ई-वॉलेट्स को भी यूपीआई से जोड़े जाने की सुविधा मिल
सकती है.
स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन:
स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन के तहत आप अपने बैंक को निर्देश देते हैं कि वह एक अंतराल के बाद आपके खाते से आपकी तरफ से नामित पार्टी अथवा बैंक खाते में पैसे भेज दे. यूपीआई में इस सुविधा को लाने पर भी विचार चल रहा है. हालांकि अभी इसे आरबीआई की अनुमति नहीं मिली है.
इनवॉइस:
यूपीआई 2.0 में आपको भुगतान करने के साथ ही इसका बिल भी इनबॉक्स में भेजने की सुविधा मिल सकती है.
नहीं आएगा आधार पेमेंट फीचर:
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) बायोमैट्रिक आधार पेमेंट फीचर लाने की तैयारी कर रहा था. हालांकि उसने फिलहाल इस सुविधा को न लाने का फैसला लिया है. निजता की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के चलते यह कदम उठाया गया है. (सभी फोटो प्रतीकात्म्क)