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4 आने के 'सूत ट्रेडिंग' से 'फ्री के JIO' तक कैसे बना ब्रांड 'अंबानी'

aajtak.in
  • 24 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST
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1957  में यमन की कंपनी ए. बेसी एंड कंपनी में नौकरी छोडकर भारत लौटे धीरूभाई अंबानी ने मुंबई में नया कारोबार शुरू किया. मुंबई के मस्जिद बुंदर इलाके में महज 500 स्कॉयर फीट के ऑफिस से धीरूभाई ने सूत (यार्न) की ट्रेडिंग का काम शुरू किया. इस ऑफिस और इसी कारोबार के जरिए धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्री को खड़ा करने का सपना देखा. इस इंडस्ट्री के जरिए धीरूभाई का सपना ब्रांड 'अंबानी' को खड़ा करने का था.

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सूत ट्रेंडिंग के कारोबार को आगे बढ़ाते हुए धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस के नाम से 1966 अपनी पहली मिल गुजरात के नरोदा में स्थापित की. इसके तुंरत बाद महज 18 महीने के रिकॉर्ड समय में रिलायंस की पहली मेगा मैन्यूफैक्चरिंग प्रोजेक्ट को पटलगंगा में स्थापित किया गया. पटलगंगा की यह मिल ब्रांड अंबानी का टर्निंग प्वाइंट बना और रिलायंस के टेक्सटाइल सामराज्य को स्थापित करने के लिए ब्रांड विमल को लॉन्च किया गया. इस ब्रॉन्ड की लॉन्चिंग के बाद घर-घर में अंबानी की चर्चा शुरू हो गई और ब्रांड अंबानी पहली बार राष्ट्रव्यापी हो गया.

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धीरूभाई अंबानी का मानना था कि यदि आप अपने सपनों को खुद साकार नहीं करते तो लोग आपको नौकरी देकर अपने सपनों को पूरा कर लेंगे. इसी सोच के साथ 4 आने के सूत के कारोबार को बढ़ाते हुए 1977 में रिलायंस टेक्सटाइल का शेयर बाजार पर पब्लिक ऑफर(आईपीओ) आया. इसके साथ ही धीरूभाई अंबानी ने शेयर बाजार के इतिहास में आईपीओ की नींव रखी. इस आईपीओ ने बाजार में यूं धूम मचाई कि इसे उम्मीद से सात गुना अधिक निवेशक मिले और रिलायंस इंडस्ट्री के जरिए ब्रांड अंबानी की नींव को मजबूत कर दिया गया.

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2000 में रिलायंस ने दुनिया की सबसे बड़ी ग्रासरूट्स रिफाइनरी को रिकॉर्ड 36 महीने में कमीशन किया. यह थी जामनगर पेट्रोकेमिकल्स एंड इंटीग्रेटेड रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स. इस रिफाइनरी को चलाने के लिए जरूरी था कि इसके इर्द-गिर्द ग्रीन एरिया को विकसित किया जाए. अंबानी ने यहां एशिया का सबसे बड़ा आम का बाग लगाकर एक और तरीके से ब्रांड अंबानी को पुख्ता कर दिया. इस आम के बाग का नाम धीरूभाई अंबानी लखीबाग अमराई रखा गया.

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अब से 13 साल पहले 2002 में रिलायंस समूह ने मोबाइल की दुनिया में अपने ‘कर लो दुनिया मुठ्ठी में’ के स्लोगन के साथ कदम रखा. तत्कालीन रिलायंस प्रमुख धीरू भाई अंबानी थे और सेलुलर कारोबार में उन्हें एक बात बिलकुल साफ थी कि उन्हें देश के आखिरी आदमी तक अपना मोबाइल फोन पहुंचाना है. आप अंबानी के इस सपने को देश का पहला डिजिटल इंडिया का प्रयास भी मान सकते हैं. उनकी कोशिश रंग लाई. वाकई देश में सब्जी वाले, ऑटो वाले और मोहल्ले में छोटा किराना स्टोर चलाने वाले से लेकर उसके सप्लायर तक की मुठ्ठी में मोबाइल फोन पहुंच गया. आज एक बार फिर वही कंपनी अपनी उसी रणनीति के तहत देश के आखिरी आदमी के हाथ में स्मार्ट फोन पहुंचाने की कवायद कर रही है.

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मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में कंपनी के बंटवारे के बाद मोबाइल का कारोबार बड़े भाई मुकेश के हाथ लगा. इसे नए सिरे से शुरू करने के लिए रिलायंस ने नई कंपनी रिलायंस जियो लांच की. रिलायंस जियो बीते एक साल से सुर्खियों में है. अपना 4जी मोबाइल नेटवर्क को कंपनी ने एक बार फिर धीरू भाई अंबानी के जन्मदिन 27 दिसंबर 2015 के मौके पर लांच किया. रिलायंस का 4जी प्लान एक बार फिर मोबाइल हैंडसेट के सहारे बाजार में उतर रहा है.

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एक तरफ मुकेश अंबानी आज भी अपने कारोबार में आगे है तो वहीं दूसरी तरफ उनके भाई अनिल अंबानी भी कम नहीं है. 2002 में पिता धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद दोनों बेटे कुछ समय तक ही साथ रह पाए लेकिन बंटवारे के बाद भी दोनों ने काम को बढ़ाया. 2005 में दोनों भाइयों में कारोबार का बंटवारा इस तरह हुआ- अनिल अंबानी- रिलायंस इंफोकॉम, रिलांयस नेचुरल रिसोर्स, रिलायंस एनर्जी, रिलायंस कैपिटल. बंटनवारे के बाद इस समूह का नाम अनिल अंबानी ने अनिल धीरूभाई अंबानी रखा. मुकेश अंबानी- आरआईएल, आईपीसीएल और पेट्रोलियम का कारोबार मिला. इसका विस्तार करते हुए रिलायंस जियो से मुकेश ने टेलिकॉम सेक्टर में कदम रखा.

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2004 में रिलायंस देश की पहली और एक मात्र कंपनी के तौर पर सामने आई जिसे फॉर्च्यून ग्लोबल 500 लिस्ट में जगह मिली. इसके साथ ही रिलायंस देश की पहली प्राइवेट सेक्टर कंपनी बनी जिसे मूडीज, एस एंड पी जैसी अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने अपनी लिस्ट में शामिल किया.

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2004 में रिलायंस देश की पहली और एक मात्र कंपनी के तौर पर सामने आई जिसे फॉर्च्यून ग्लोबल 500 लिस्ट में जगह मिली. इसके साथ ही रिलायंस देश की पहली प्राइवेट सेक्टर कंपनी बनी जिसे मूडीज, एस एंड पी जैसी अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने अपनी लिस्ट में शामिल किया.

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रिलायंस की 40वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में देश का पहला स्मार्ट 4G फीचर फोन लॉन्च किया गया. ये ऐसा फोन है जो वॉइस कमांड पर काम करेगा. यानी यूजर अपनी आवाज से ही फोन से कई काम कर सकते हैं. फोन पर जियो के सभी ऐप्स फ्री रहेंगे. साथ ही, इससे लाइफ टाइम फ्री कॉलिंग की जा सकेगी. ऐसा माना जा रहा है कि ये भारत का सबसे सस्ता 4G फीचर फोन है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जियो फोन​ को लॉन्च किया और इस फीचर फोन की कीमत को 0 रुपये रखा है.

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