कोरोना वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया में वैज्ञानिक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. हर किसी के सामने सुरक्षित और ज्यादा प्रभावशाली वैक्सीन बनाने की चुनौती है. एक ऐसी वैक्सीन जो पूरी दुनिया को इस संकट काल से निकालने का काम करेगी. हालांकि, इंफेक्शियस डिसीज़ एक्सपर्ट एंथॉनी फौसी ने दावा किया है कि कम असरदार वैक्सीन भी इस महामारी के जाल से दुनिया को बाहर निकाल सकती है.
Photo: Reuters
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना वायरस सलाहकार डॉक्टर फौसी ने
एक टेलीविजन शो के माध्यम से कहा, 'इसकी कोई संभावना नहीं थी कि कोरोना
वायरस के लिए बनी वैक्सीन 100 फीसदी प्रभावशाली होगी. अगर हमें इसकी आधी
प्रभावशाली वैक्सीन भी मिल जाती है तो एक साल के भीतर हम सामान्य स्थिति
में लौट सकते हैं.'
Photo: Reuters
फौसी ने पिछले सप्ताह भी यह स्वीकार किया था कि
कोरोना वायरस की वैक्सीन के 90 प्रतिशत तक प्रभावी होने की संभावना काफी कम
है, लेकिन 50 से 60 प्रतिशत तक प्रभावशाली वैक्सीन भी राहत का बड़ा काम कर
सकती है. 50 प्रतिशत प्रभावशाली वैक्सीन का मतलब, वो इंफेक्शन के लगभग आधे
खतरे को मिटा सकती है.
Photo: Reuters
फौसी ने आगे कहा, 'अगर हम अगले साल की
शुरुआत तक वैक्सीन हासिल करने में कामयाब होते हैं तो 2021 के अंत में
महामारी को पूरी तरह से काबू किया जा सकता है. हम सामान्य रूप से उतने ही
अच्छे होंगे जितना संभवतः हम हो सकते हैं. हालांकि मैं पूरी तरह स्पष्ट
होना चाहता हूं कि आप लोग इस वायरस को मिटाने जा रहे हैं.'
Photo: Reuters
फौसी से
इस इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या यह बीमारी 2024 तक लोगों का पीछा नहीं
छोड़ेगी. इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. फौसी के मुताबिक,
कोरोना हद से हद 2021 के अंत तक जा सकता है. हां, अगर इसे लेकर लापरवाही
हुई या एक सुरक्षित और प्रभावशाली वैक्सीन नहीं मिली तो शायद यह कुछ साल और
दिक्कत हो सकती है.
Photo: Reuters
बता दें कि FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन)
ने भी शुरुआत में कहा था कि सामान्य लोगों दी जाने वाली वैक्सीन के अप्रूवल
के लिए उसकी प्रभावशीलता कम से कम 70 प्रतिशत तक होनी चाहिए. लेकिन बाद
में 50 प्रतिशत तक प्रभावी वैक्सीन को अप्रूवल देने पर सहमति बनी.
Photo: Reuters
रूस
की वैक्सीन पर एंथोनी फौसी की प्रतिक्रिया भी किसी से नहीं छिपी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फौसी ने कहा कि इस वैक्सीन की
सुरक्षा और प्रभाव निश्चित तौर पर संदेह पैदा करती है. एक वैक्सीन का बनना
और उसके सुरक्षा व प्रभाव को साबित करना दो अलग बातें होती हैं.
Photo: Reuters
उन्होंने
कहा कि लोगों को जोखिम में डालकर उन पर किसी ऐसी चीज का इस्तेमाल करना या
उन्हें कोई ऐसी चीज देना जो काम ही नहीं करती है. ऐसा प्रयोग हम भी अगले
सप्ताह कर सकते हैं. लेकिन एक आदर्श वैक्सीन का काम लोगों को खतरे में डालना नहीं, बल्कि उससे बाहर निकालना है.
Photo: Reuters