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क्या है नोवेल कोरोना वायरस? जो बना रहस्यमयी मौतों की वजह

aajtak.in
  • 19 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST
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नोवेल कोरोना वायरस (novel coronavirus) से दुनियाभर में 14 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है. नोवेल कोरोना वायरस (NCOV) से मरने वालों में एक व्यक्ति चीन का भी है. केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक नोवेल कोरोना वायरस (एनसीओवी) की गहन समीक्षा की जा रही है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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लॉस एंजेलिस टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में इस खतरनाक वायरस की चपेट में अब तक कुल 45 लोग आ चुके हैं. इसके अलावा थाईलैंड और जापान में भी इस वायरस ने कदम रख दिया है. चीन से बाहर अब तक ऐसे तीन मामले दर्ज किए जा चुके हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस के तार चीन के वुहांग शहर से जुड़े हैं.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली, मुंबई व कोलकाता हवाईअड्डों पर चीन से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की एहतियातन थर्मल स्कैनर के जरिए जांच करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में विमानों में भी घोषणाएं की जा रही हैं. चीन जाने वाले और वहां से आने वाले यात्रियों के लिए परामर्श जारी किया गया है. यह परामर्श स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

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नोवेल कोरोना वायरस का ताजा मामला चीन के वुहान शहर से सामने आया. यहां 5 जनवरी को नोवेल कोरोना वायरस से एक व्यक्ति की मौत हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार वायरस अभी विकसित हो रहा है.

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क्या है नोवेल कोरोना वायरस?-
WHO की प्राथमिक जांच से मिली जानकारी के मुताबिक, यह वायरस सी-फूड से जुड़ा है. कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं. यह वायरस ऊंट, बिल्ली और चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है. दुर्लभ स्थिति में पशु मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं.

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कैसे करें वायरस से बचाव?-
नोवेल कोरोना वायरस से निपटने के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. लेकिन चिकित्सक जल्द ही इसे निपटने के लिए वैक्सीन तैयार करने का दावा कर रहे हैं. जर्मनी के कुछ वैज्ञानिकों ने इसकी वैक्सीन तैयार करने के फॉर्मूले का पहला पड़ाव पार कर लिया है.

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स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन वायरस के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा कर रही हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार, 8 और 15 जनवरी को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह (जेएमजी) की बैठक बुलाई गई थी. इसमें विभिन्न हितधारकों सहित (स्वास्थ्य और गैर स्वास्थ्य क्षेत्रों) और डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.

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स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के परामर्श के अनुसार स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इस वायरस का मानव से मानव संक्रमण वैश्विक स्तर पर कम है. इसलिए सीमित मानव से मानव संक्रमण के तथ्य को भी ध्यान में रखा जा रहा है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशाला जांच, निगरानी, संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण (आईपीसी) और जोखिम संचार पर सभी संबंधितों को आवश्यक निर्देश जारी किया हैं. इसके साथ ही सामुदायिक निगरानी के लिए एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) बनाया गया है.

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एनआईवी पुणे, आईसीएमआर प्रयोगशाला देश में एनसीओवी के नमूने की जांच में सहयोग कर रहे हैं. उच्चस्तरीय बैठकों में अस्पतालों में प्रबंधन और संक्रमण रोकथाम नियंत्रण सुविधाओं के बारे में तैयारी की समीक्षा की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय विदेश मंत्रालय के संपर्क में है.

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