दो दिवसीय भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली के मौर्या शेरेटन होटल में रुके हुए हैं. ट्रंप को पांच स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा जा रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर पूरे होटल को चार दिन पहले ही खाली करा लिया गया था. होटल में सीमित लोगों को ही दाखिल होने की इजाजत है. होटल प्रशासन ने सिर्फ जरूरी कर्मियों को ही विशेष पास जारी कर बुलाया है. राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा में लगभग पांच हजार सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है.
राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'ट्रंप जब तक यहां रहेंगे, किसी भी अन्य व्यक्ति को होटल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. यह पहली बार है कि जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए पूरा होटल खाली करवा दिया गया हो.'
ट्रंप की सुरक्षा खुद अमेरिकी एजेंसियों के करीब एक हजार अधिकारी और जवान पहले ही संभाल रहे हैं. होटल के चप्प-चप्पे पर सुरक्षकर्मियों को कड़ी निगरानी पर रखा गया है.
सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, 'सभी अमेरिकी सुरक्षाकर्मी अपने साथ अत्याधुनिक हथियार लाए हैं. इसके साथ ही अमेरिकी की खुफिया एजेंसी सेटेलाइट द्वारा लगातार उन स्थानों की निगरानी कर रही है जहां ट्रंप और उनका परिवार रहेगा.'
सुत्रों के अनुसार, ट्रंप और उनके परिवार की हिफाजत के लिए पांच स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है. पहले दो घेरे में अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी एफबीआई और उनकी खुफिया एजेंसी के लोग हैं. जबकि, अन्य तीन घेरे एनएसजी, अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस के हवाले रहेंगे.
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी तक केवल चुनिंदा भारतीय अधिकारियों की पहुंच होगी. आलम यह है कि होटल के आस-पास के मार्गों को पूरी तरह से बंद रखा गया है. राजेंद्र प्रसाद रोड, जहां यह होटल है उस रूट से ट्रैफिक डाइवर्ट कर दिया गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति का काफिला जहां से भी गुजरेगा, जैमर आस-पास के सभी मोबाइल और वायरलेस सिग्नल को ठप कर देंगे. उन स्थानों पर भी सुरक्षा के मद्देनजर लगातार अभ्यास कराए जा रहे हैं, जहां वह जाएंगे.
इस दौरान पुलिस अमेरिकी एजेंसी के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रहेगी. उनके कहीं आने-जाने के लिए तीन अलग-अलग रास्तों पर पुलिस की पैनी निगाहें होंगी. जिन सड़कों से उनका काफिला गुजरेगा उन मार्गों को पूरी तरह से सीसीवीटी कैमरे से लैस कर दिया गया है.
बाहरी सुरक्षा एजेंसियों को चूंकि स्थानीय भौगोलिक स्थिति का पता नहीं है, इसलिए दिल्ली पुलिस के जिम्मे सुरक्षा का सबसे बाहरी घेरा है. लिहाजा पुलिस की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है.
गौरतलब है कि सुरक्षा के तहत राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका से लाई गई 'बीस्ट' कार से ही दिल्ली में सवारी करेंगे. इस कार में कई विशेषताएं हैं. बुलेटप्रूफ कार पर हमले का कोई असर नहीं होता है. यही नहीं परमाणु, जैविक और रसायनिक हमले की स्थिति में भी कार के अंदर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.