Advertisement

लाइफस्टाइल

क्या निकोटीन से कंट्रोल होगा कोरोना, वैज्ञानिकों ने शुरू की रिसर्च

aajtak.in
  • 23 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST
  • 1/9

कोरोना वायरस पर तरह-तरह के रिसर्च जारी हैं. हाल ही में एक स्टडी में चौंकाने वाला दावा किया गया है कि सिगरेट में मौजूद निकोटीन की वजह से धूम्रपान करने वालों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम होता है. यह स्टडी सामने आने के बाद फ्रांस के शोधकर्ता अब कोरोना वायरस के मरीजों और हेल्थ वर्कर्स पर निकोटीन पैच टेस्ट कराने की योजना बना रहे हैं.

  • 2/9

पेरिस के एक बड़े अस्पताल में की गई इस स्टडी में इस बात का जिक्र था कि तंबाकू में पाया जाने वाला एक पदार्थ ( संभवतः निकोटीन) धूम्रपान करने वाले लोगों को Covid-19 के संक्रमण से बचा सकता है. निकोटीन पैच के क्लीनिकल परीक्षण के लिए देश के स्वास्थ्य अधिकारियों की मंजूरी मिलना अभी बाकी है.

  • 3/9

हालांकि, शोधकर्ताओं ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि वह लोगों को धूम्रपान करने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं क्योंकि यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है और 50 फीसदी लोगों की मौत धूम्रपान की वजह से ही होती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि निकोटीन वायरस से लोगों को बचा सकता है, लेकिन धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों पर तंबाकू का विषाक्त प्रभाव पड़ता है और उनमें कोरोना के गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं.

Advertisement
  • 4/9

यह स्टडी पेरिस के Pitie-Salpetriere अस्पताल में कोरोना वायरस के 480 मरीजों पर की गई थी. इनमें से 350 मरीज अस्पताल में भर्ती थे जबकि कम गंभीर लक्षण वाले मरीजों को घर जाने की अनुमति दे दी गई. स्टडी में पाया गया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की औसत उम्र 65 वर्ष थी और इनमें से केवल 4.4 फीसदी लोगों को नियमित रूप धूम्रपान करने की आदत थी. वहीं, घर जाने की अनुमति मिलने वाले मरीजों की औसत उम्र 44 साल थी और इनमें से 5.3 फीसदी लोग नियमित रूप से धूम्रपान करते थे.

  • 5/9

मरीजों की उम्र और लिंग को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं ने बताया कि अनुमानित जनसंख्या के मुकाबले यहां धूम्रपान करने वालों की संख्या कम है. यहां 44-53 उम्र वाले 40 फीसदी लोग जबकि 65-75 के बीच के उम्र वाले 8.8-11.3 फीसदी लोग धूम्रपान करते हैं.

  • 6/9

फ्रांस के प्रसिद्ध न्यूरो बायोलॉजिस्ट जीन-पियरे चेंजक्स ने इस स्टडी की समीक्षा की. चेंजक्स ने सुझाव दिया कि निकोटीन वायरस को शरीर में कोशिकाओं तक पहुंचने और इसे फैलने से रोक सकता है. निकोटीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की अनावश्यक प्रतिक्रिया को भी कम कर सकता है, जो Covid-19 के सबसे खतरनाक मामलों में दिखता है.

Advertisement
  • 7/9

इस स्टडी का क्लीनिकल परीक्षण होने के बाद ही किसी तरह का निष्कर्ष निकलेगा. यह क्लीनिकल परीक्षण हेल्थ वर्कर्स, अस्पताल में और आईसीयू में भर्ती कोरोना के मरीजों पर निकोटीन पैच लगाकर किया जाएगा.

  • 8/9

इससे पहले न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में भी चीन की एक स्टडी छप चुकी है, जिसके अनुसार चीन में धूम्रपान करने वाले 1,000 लोगों में से केवल 12.6 फीसदी लोग वायरस से संक्रमित थे जबकि चीन में धूम्रपान करने वालों की संख्या लगभग 28 फीसदी है.

  • 9/9

स्टडी के लेखकों के अनुसार, 'सामान्य आबादी की तुलना में हर दिन धूम्रपान करने वालों में  Sars-CoV-2 का खतरा बहुत गंभीर नहीं होता है और वह लोग एसिम्पटोमैटिक भी कम होते हैं. मरीजों पर इसका असर बहुत प्रभावपूर्ण है.' हालांकि, इससे पहले हुई कई स्टडीज में कहा गया है कि धूम्रपान करने वालों में कोरोना वायरस का 14 गुना ज्यादा गंभीर खतरा होता है.

Advertisement
Advertisement

लेटेस्ट फोटो

Advertisement