मलेशिया के धार्मिक मामलों के मंत्री जुल्किफली मोहम्मद अपने एक अजीबो-गरीब प्रस्ताव की वजह से चर्चा में हैं. जुल्किफली मोहम्मद ने ट्रांसजेंडर लोगों को गिरफ्तार कर शिक्षित करने को कहा है. अपने प्रस्ताव की वजह से जुल्किफली को तमाम आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. मलेशिया के सामाजिक कार्यकर्ता जुल्किफली के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यहां पहले से ही मानवाधिकार सुरक्षित नहीं हैं और ये प्रस्ताव ट्रांसजेंडर्स के लिए एक और झटका साबित होगा. राजनीतिक तख्तापलट के बाद सत्ता में आए पेरिकाटन गठबंधन के जुल्किफली मोहम्मद ने हाल ही में घोषणा की थी कि उन्होंने इस्लामिक अधिकारियों को ट्रांसजेंडर लोगों को सही रास्ते पर वापस लाने का पूरा लाइसेंस दिया है.
जुल्किफली मोहम्मद ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, 'इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो शिक्षित करना चाहता है. हम प्रधानमंत्री के विभाग में धार्मिक मामलों के विंग के तहत सभी एजेंसियों से समन्वित प्रयासों की दिशा में काम करेंगे.'
जुल्किफली की इस घोषणा के बाद से ही कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस गठबंधन के सत्ता में आने के बाद से केवल चार महीनों के अंदर ही इस तरह के कई फैसले लिए गए हैं जो मानवाधिकारों का हनन करते हैं.
कार्यकर्ताओं का कहना है कि सत्ता में आने के बाद इस सरकार ने संघ के सदस्यों और पत्रकारों पर शिकंजा कसा और 2018 के आम चुनाव पर लिखी एक पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया.
ट्रांसजेंडर कम्युनिटी का नेतृत्व करने वाले सीड फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक मिच युसमर युसूफ ने कहा, 'यह प्रस्ताव हिंसा को प्रोत्साहित करेगा. हमने बैरिसन सरकार के भी दौरान ऐसा देखा और तब कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.'
युसूफ ने कहा, 'हम जानते हैं कि यह सब क्या है, यह सब सत्ता की वजह से है. आसानी से बलि का बकरा बनाए जाने वालों के बारे में बयान देकर सार्वजनिक विश्वास और वोट हासिल करना ही इनका लक्ष्य है. हम कई बार इसका शिकार बन चुके हैं, हम जानते हैं कि कब ये खतरा गंभीर हो सकता है.'
इस गैर सरकारी संगठन ने मंत्री के शब्दों को 'गैर जिम्मेदाराना' बताया. संगठन का कहना है, 'उनके बयान से 'ट्रांसजेंडर महिलाओं के प्रति दुर्भावना, भेदभाव, हिंसा और बदसलूकी बढ़ेगी. हम पहले से ही देश भर में ट्रांसजेंडर लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.