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तभी बुजुर्गों ने समझाया है एक चुप सौ सुख का फंडा !

aajtak.in
  • 10 मई 2016,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST
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WHO की रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण में बढ़ता शोर स्वास्थ्य पर गलत असर डालता है. जानें आखिर इस बिगड़ते माहौल में क्यों जरूरी है मौन?

सौजन्य: Newsflicks

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तनाव कम होता है
बढ़ता शोर और प्रदूषण तनाव पैदा करता है. इससे निजात पाने के लिए एक ही उपाय है शांति या मौन, जो आपके अंदर के तनाव को खत्म करता है.


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मेंटल स्ट्रेंथ बढ़ती है
भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव होना मामूली बात है. लगातार इस सिचुएशन से गुजरने के बाद, हमारे अंदर कई निगेटिव बदलाव होते हैं. इससे फैसला लेने की क्षमता, क्रिएटिविटी और फोकस पर असर पड़ता है. इन हालातों से बचने के लिए शांत रहना फायदेमंद है. इससे आपकी एनर्जी बचती है और दोबारा बेहतर करने की ताकत मिलती है.

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बेहतर श्रोता बनाता है
अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत हो रही है तो दिन में सिर्फ 3 मिनट शांत रहना शुरू कर दें. इससे न सिर्फ ऑफिस में बल्कि पर्सनल रिश्तों में भी सुधार आएगा.

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दिमाग को आराम मिलता है
डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी में मौन या शांत रहना बेहद अच्छा है. ऐसा करने से दिमाग के उन हिस्सों में नए सैल बनते हैं, जो याद्दाश्त, भावनाएं और सीखने से जुड़े हैं.

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बिजी लाइफ में मिलेगा आराम
प्रोफेशनल लाइफ में कंपन‌ियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं इसलिए वो इम्प्लॉइज को बेहतर माहौल देने की कोशिश करती हैं. कर्मचारियों को राहत देने के लिए ऑफिसों में ऐसी जगह तैयार की गई हैं, जहां वो कुछ देर आराम कर सकें. काम में व्यस्त रहते हैं तो ऑफिस में थोड़ी देर खुद के लिए वक्त निकालें.

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भावुकता से परे होना
कई बार जिंदगी में माहौल ज्यादा भावुक हो जाता है. ऐसे में खुद को संभालने और तार्किक फैसले लेने के लिए जरूरी है कि हम खुद को शांत रखें. थोड़े वक्त के लिए मौन रहें. इससे जीवन में मची मानसिक हलचल में खुद को स्थिर रखने में मदद मिलती है.

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