शादी के लिए परफेक्ट कपल की तलाश में लोग अब मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स को फॉलो करने लगे हैं. क्लाइंट को फंसाने के लिए कुछ मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स अब अपनी सारी हदें पार कर रही हैं. प्यार और विश्वास के बजाए वर्जिनिटी के आधार पर लोगों को अपनी वेबसाइट की तरफ आकर्षित किया जा रहा है. Shadi डॉट कॉम नाम की वेबसाइट आजकल इसी तरह अपना धंधा चला रही है. हालांकि, ये लोकप्रिय वेबसाइट Shaadi डॉट कॉम की वेबसाइट से अलग है. दोनों के नाम में सिर्फ एक अक्षर का फर्क है.
वेबसाइट पर नजर आने वाली एक पोस्ट में 'वर्जिन मैट्रिमोनी' का जिक्र किया
गया है. तमाम लोग ऐसे हैं जिनकी मानसिकता आज भी वर्जिनिटी के फेर में उलझी
हुई है. लेकिन ये मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स शादी के लिए वर्जिनिटी का
क्राइटेरिया इश्तेहार देकर इस तरह की मानसिकता को और बढ़ावा दे रही हैं.
‘ऑडनारी’
ने उनके ऑफिशियल फेसबुक पेज से संपर्क किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि
इसके पीछे क्या लॉजिक है. जब उनसे पूछा गया कि इस पेज के बारे में उनका
क्या कहना है, तो जवाब आया- 'हमारे पेज पर ऐसी किसी सर्विस के बारे में
हमें जानकारी नहीं है.' जब उन्हें उनकी ही साइट का स्क्रीनशॉट भेजा गया, तो
जवाब आया- “कभी कभी मार्केटिंग वाले लोग कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ जाते हैं.
हम ये पेज डिलीट कर देंगे, क्योंकि इसका कोई मतलब ही नहीं है.”
उनसे
पूछा गया कि उनकी वेबसाइट पर ये पेज इतने समय से चल रहा है और इस पर किसी
का ध्यान क्यों नहीं गया? तो उन्होंने कहा कि संबंधित व्यक्ति इससे जुड़ा
जवाब हमें भेज देंगे. उन्होंने इस गलती को स्वीकार भी किया और कहा जैसे ही
उनका रिस्पॉन्स आता है, वो स्टोरी में जोड़ दिया जाएगा.
वर्जिनिटी पर इतना फोकस क्यों?
वर्जिनिटी,
यानी कौमार्य, यानी एक ऐसा ‘कॉन्सेप्ट’, जिसका मतलब है कि जब तक लड़कियां
शारीरिक संबंध नहीं बना लेतीं, तब तक वो ‘वर्जिन’ होती हैं. किस तरह उनका
कौमार्य उनके लिए एक बेहद जरूरी है, जिसे उन्हें संभालकर रखना होता है और
अपनी पवित्रता को साबित कर सकें. कई लोग इसकी आलोचना भी करते हैं. इस शब्द
का इस्तेमाल अधिकतर लड़कियों की सेक्सुअलिटी कंट्रोल करने और उन्हें नीचा
दिखाने के लिए किया जाता है.
महाराष्ट्र के कंजरभाट समुदाय में जब
दूल्हा-दुल्हन सुहागरात मनाने जाते हैं, तो उनके बिस्तर पर सफेद चादर बिछाई
जाती है. ताकि अगले दिन ये चेक किया जा सके कि दुल्हन को ब्लीडिंग हुई या
नहीं. यानी वो ‘वर्जिन’ है या नहीं. इस टेस्ट में पास ना होने पर रिश्ता
टूटने की नौबत तक आ जाती है. जबकि ऐसा कहीं नहीं लिखा कि हाइमन से खून आना
ही वर्जिनिटी की निशानी है.
महिलाओं की वर्जिनिटी यहां इतना गंभीर
विषय है कि कई लड़कियों को तो अपने वर्जिन साबित करने के लिए अलग-अलग तरीकों
का सहारा लेना पड़ता है. कई ऐसे प्रॉडक्ट भी उपलब्ध हैं, जो शारीरिक संबंध
बनाते समय इस्तेमाल किए जाते हैं. जैसे एक पिल, जिसे ‘ब्लड पाउडर वाली पिल’
कहकर बेचा जा रहा है. इस पिल को शारीरिक संबंध बनाने से थोड़ी देर पहले
अपनी वजाइना में रखना होता है. उसके बाद शारीरिक संबंध बनाते समय ये पिल
ऐसा आभास देती है, मानो आपको खून आ रहा हो. और इसी के साथ, आप ‘वर्जिन’
साबित हो जाएंगी.
वर्जिनिटी साबित करने और होने के इसी सामाजिक दबाव
में तमाम लड़कियां तरह-तरह के उपायों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं.
जैसे कि हाइमनोप्लास्टी नाम की सर्जरी, जिसमें दो-तीन तरीकों से हाइमन जोड़
दिया जाता है. इसके अलावा जेलेटिन की लाल रंग से भरी कैप्सूल्स का भी
इस्तेमाल किया जाता है. कई ऐसे ही क्लिनिक हैं, जो सीक्रेट में आपका हाइमन
ठीक करने का वादा करते हैं. बाजार में इस दबाव को भुनाने के लिए तमाम
विकल्प मौजूद हैं. मैट्रिमोनियल वेबसाइटें भी इसका एक उदाहरण हैं.
जब
पहली बार इस साइट का नाम देखा, तो हमें लगा कि कहीं ये भारत वाली ‘शादी
डॉट कॉम’ वेबसाइट तो नहीं है. लेकिन दोनों की स्पेलिंग में हल्का-सा फर्क
था. हमने सोचा, ये भी पूछ लें कि इस तरह की साइट्स का क्या मतलब होता है.
एक जैसे नामों वाली वेबसाइट क्या एक-दूसरे पर मुकदमा कर सकती हैं? इसके लिए
हमने बात की जितेन जैन से. ये साइबर एक्सपर्ट हैं.
उन्होंने बताया,
‘दोनों ही साइट्स लगभग एक समय में रजिस्टर की गई थीं. अब इनमें से एक यहां
काफी पॉपुलर है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि दूसरी वेबसाइट पहली वाली की
नकल करने की कोशिश कर रही है. अगर कोई साइट बहुत लोकप्रिय हो जाती है, तो
उसके नामों से मिलने-जुलने वाली साइट्स को भी फायदा होता है. क्योंकि वो भी
सर्च में ऊपर आ जाती हैं. अगर ये साइट बाद में बनती, तो कहा जा सकता था कि
ये कॉपी करना चाह रहे हैं. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं कह सकते.’
वर्जिनिटी को लेकर क्या कहते हैं डॉक्टर्स?
मेडिकल
साइंस की भाषा में समझें तो वर्जिनिटी का मतलब हाइमन का अछूता होने से है.
हाइमन महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में एक टिश्यू होता है. शारीरिक संबंध
बनाते समय हाइमन के खिंचने या उस पर जोर पड़ने से खून आ जाता है, लेकिन
जरूरी नहीं है कि हर बार ऐसा ही हो.
हाइमन से किसी की वर्जनिटी का
अंदाजा लगाना सही नहीं है. एक्सपर्ट कहते हैं कि खेल-कूद में रुचि रखने
वालों के साथ अक्सर ऐसी समस्या होती है. जिम में वर्कआउट, साइकिलिंग या
किसी भी खेल में हिस्सा लेने से पड़ने वाले खिंचाव से भी हाइमन नष्ट हो
सकती है.