साधारण कोल्ड कुछ दिनों में अपने आप ठीक जाता है और एक हफ्ते में इसके सारे लक्षण दूर हो जाते हैं. वहीं कोरोना वायरस का फ्लू शरीर को बिल्कुल तोड़ देता है.
किन लोगों में जल्दी आ जाते हैं कोरोना वायरस के लक्षण?
हालांकि कोरोना वायरस के बारे में अभी और पता किया जाना बाकी है लेकिन बुजुर्गों में और डायबिटीज, दिल के मरीजों या पहले से बीमार लोगों में कोराना वायरस के लक्षण जल्दी आ जाते हैं.
कोरोना वायरस कैसे फैलता है?
कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति जब दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है तो ये वायरल फैल जाता है. उदाहरण के तौर पर इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या नाक बहने के दौरान उसके आसपास कोई व्यक्ति मौजूद है तो उसमें भी कोराना वायरस का संक्रमण जा सकता है.
WHO से पहले लांसेट मेडिकल जर्नल भी कोरोना वायरस की जानकारी पर एक लेख प्रकाशित कर चुका है. कोरोना वायरस से संक्रमित चीन के 99 मरीजों के बारे में लांसेट ने बताया है कि इन सभी मरीजों में सर्दी, खांसी की शिकायत के साथ निमोनिया के भी लक्षण पाए गए हैं. इन मरीजों के फेफड़ों में पानी भी भरा हुआ था.
लांसेट में इस बात का भी जिक्र है कि इन सभी 99 मरीजों में पहले से कोई न कोई बीमारी थी. इस वजह से ये सभी आसानी से इस वायरस की चपेट में आ गए.
कोराना वायरस से बचने के लिए हाइजीन बनाए रखना बहुत जरूरी है. अपने आस-पास साफ सफाई का पूरा ख्याल रखें. खांसने के दौरान टिश्यू मुंह पर रखें और फिर उसे कवर्ड डस्टबिन में फेंक दें. समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें.
ये वायरस संक्रमण प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है. इसलिए मास्क का उपयोग करें और भीड़ भाड़ वाले स्थानों या समूह से दूरी बनाए रखें.
दुनिया भर के तमाम चिकित्सक और वैज्ञानिक मिलकर इस वायरस का इलाज ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं हालांकि, इसे लेकर अभी तक कई रहस्य कायम है. इस वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई, यह मानव शरीर में कैसे पहुंंचा, इन सवालों को लेकर कई विश्लेषक चीन की भूमिका को भी संदिग्ध मान रहे हैं.
अमेरिकी सांसद टॉम कॉटन ने कोरोना वायरस के फैलने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को जिम्मेदार ठहरा कर हर किसी को चौंका दिया था. अमेरिकी सांसद ने कहा था कि यह कोराना वायरस मानवनिर्मित जैवहथियार हो सकता है जो संभवत: चीन की 'वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी' से लीक हुआ है.
कोरोना वायरस की उत्पत्ति से लेकर संक्रमण फैलने तक चीन की भूमिका कहीं ना कहीं संदिग्ध रही है. चीन ने शुरुआत में दावा किया कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर की फिश मार्केट से निकला है लेकिन तमाम सबूत इस दावे को नकारते हैं. चीनी अधिकारी अभी तक खुद वायरस की उत्पत्ति को लेकर आश्वस्त नहीं है जिसकी वजह से अमेरिकी सांसद कॉटन समेत कई वैज्ञानिक ऐसा संदेह जता रहे हैं.
लोग ये भी शक जता रहे हैं कि चीन वायरस से हुई मौतों के आंकड़ों को भी छिपा
रहा है. 'The Epoch Times' के मुताबिक, चीन के वुहान में इतनी लाशें आ रही
हैं कि शवदाह गृहों में मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं. चीन अपनी छवि खराब होने से बचाने के लिए दुनिया से सच्चाई छिपा रहा है.