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Food Safety Day: कोरोना काल में संजीवनी बूटी से कम नहीं ये 10 फूड

aajtak.in
  • 07 जून 2020,
  • अपडेटेड 10:32 AM IST
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वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे हर साल 7 जून को सेलिब्रेट किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2018 में इसे मनाने का ऐलान किया था. 'वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे' का उद्देश्य दूषित खाद्य पदार्थों के प्रति लोगों को जागरुक करना है ताकि लोग  सुरक्षित और पौष्टिक आहार लेकर हेल्दी रह सकें. कोरोना काल में तो इस पर ध्यान देना और भी जरूरी हो गया है. मौजूदा हालातों को देखते हुए आज हर व्यक्ति को अपनी डाइट में 10 हेल्दी चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए.

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अंडा- विटामन-डी, जिंक, सेलिनियम और विटामिन-ई से युक्त अंडा बॉडी के इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में काफी मददगार है. अंडे में काफी अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो आपके इम्यून के बेहतर बनाकर उसे रोगों से लड़ने की ताकत देता है.

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लाल शिमला मिर्च- फल और सब्जियों में लाल शिमला मिर्च में सबसे ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है. अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, एक कप कटी हुई लाल शिमला मिर्च में लगभग 211 फीसदी विटामिन सी होता है, जो कि संतरे में पाए जाने वाले विटामिन सी का दोगुना होता है. 2017 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी शरीर में उन कोशिकाओं को मजबूत करता है जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं. साथ ही यह श्वसन संक्रमण के खतरे को भी कम करता है. विटामिन सी शरीर के ऊतकों को भी मजबूत बनाता है.

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ब्रोकली- ब्रोकली भी विटामिन सी से भरपूर होती है. आधे कप ब्रोकली में 43 फीसदी  विटामिन सी होता है.  नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार आपके शरीर को रोजाना इतने ही विटामिन सी की जरूरत होती है. अमेरिका के EHE Health में फिजिशियन डॉक्टर सीमा सरीन का कहना है, 'ब्रोकली फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है. इसमें विटामिन ई भी होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है और ये बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करता है.

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चने- चने में बहुत सारा प्रोटीन होता है. इसमें अमीनो एसिड से बना आवश्यक पोषक तत्व पाया जाता है जो शरीर के ऊतकों को बढ़ने और मजबूत करने में मदद करता है. एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशियस एंड डाइटिस के अनुसार, यह एंजाइमों को सही ढंग से बनाए रखता है ताकि हमारे शरीर का सिस्टम ठीक से काम कर सके. डाइटिशियन एमिली वंडर का कहना है कि चने में प्रचुर मात्रा में जिंक पाया जाता है जो इम्यून सिस्टम और इम्यून रिस्पॉन्स को नियंत्रित करता है.

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स्ट्रॉबेरी- डाइटिशियन एमिली वंडर का कहना है कि एक दिन के विटामिन सी की जरूरत को पूरा करने के लिए आधा कप स्ट्रॉबेरी काफी है क्योंकि आधे कप स्ट्रॉबेरी में 50 फीसदी विटामिन सी पाया जाता है. एमिली कहती हैं, 'पर्यावरण की वजह से हमारी कोशिकाओं को कई तरीके से नुकसान पहुंचता है और विटामिन सी इन्हें क्षतिग्रस्त होने से बचाता है.'

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लहसुन- डॉक्टर सीमा सरीन का कहना है, 'लहसुन खाने में स्वाद तो बढ़ाता ही है, यह सेहत के लिए भी कई तरीके से फायदेमंद है, जैसे ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़े खतरों को कम करना. लहसुन में पाये जाने वाले सल्फर यौगिक की वजह से यह संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है. इसके अलावा ये इम्यूनिटी भी बढ़ाता है. लहसुन शरीर को सर्दी-खांसी से भी बचाता है.

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सूरजमुखी के बीज- डाइटिशियन एमिली कहती हैं, 'सूरजमुखी के बीज में खूब सारा विटामिन ई पाया जाता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है और इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है.'नेशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ हेल्थ के अनुसार सूखे भुने हुए सूरजमुखी के बीज का केवल एक औंस आपको एक दिन में 49 फीसदी विटामिन-ई दे सकता है.

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मशरूम- एमिली वंडर का कहना है कि विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की किरणें ही हैं लेकिन यह मशरूम सहित कुछ खास खाद्य पदार्थों के जरिए भी पाया जा सकता है. 2018 में विटामिन डी स्रोत के रूप में मशरूम के उपयोग पर एक समीक्षा की गई थी. इसमें पाया गया कि मशरूम कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है, जो हड्डियों के लिए अच्छा है. इसके अलावा यह कुछ प्रकार के कैंसर और श्वसन रोगों से भी रक्षा करता है.

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पालक- डॉक्टर सरीन कहती हैं, 'पालक विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है जो पर्यावरण से होने वाले नुकसान से हमारी कोशिकाओं को बचाता है. इसके अलावा, इसमें बीटा कैरोटीन पाया जाता है, जो विटामिन ए का मुख्य स्रोत है.  विटामिन ए इम्यून फंक्शन को सही ढंग से चलाने के लिए जरूरी होता है. ब्रोकली की तरह ही पालक को भी कच्चा या थोड़ा ही पकाया जाना अच्छा माना जाता है.

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योगर्ट- योगर्ट प्रोबायोटिक्स का सबसे अच्छा स्रोत है. डॉक्टर सरीन के अनुसार यह अच्छा बैक्टीरिया होता है, जो इम्यून सिस्टम और पाचन तंत्र को सही रखता है. हाल ही में हुए कुछ अध्ययनों में भी प्रोबायोटिक्स को सामान्य सर्दी और इन्फ्लूएंजा जैसे श्वसन संक्रमण से लड़ने में प्रभावी पाया गया है. डॉक्टर सरीन फ्लेवर्ड की बजाय सादा योगर्ट खाने की सलाह देती हैं.

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