हेपटाइटिस बी संक्रमण की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है. इसके बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए प्रतिवर्ष 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है. इस साल इसकी थीम 'हेपेटाइटिस उन्मूलन के लिए निवेश करें' हैं. डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत समेत दुनिया के 11 देशों में हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या 50 प्रतिशत है. पूरी दुनिया में 80 प्रतिशत लोग इसके शिकार हैं और ज्यादातर को इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी नहीं है.
डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में हेपेटाइटस बी वायरस की वजह से करीब नौ लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. वहीं, साल 2016 में करीब 2 करोड़ 70 लाख लोग इससे संक्रमित पाए गए थे, जिनमें से सिर्फ 45 लाख लोगों ने ही इसका ट्रीटमेंट करवाया था. आइए आपको बताते हैं कि आखिर हेपेटाइटिस बी के लक्षण क्या हैं और इसका इलाज कैसे संभव है.
हेपेटाइटिस का कैसे पता लगाएं-
रोग की गंभीरता, टाइप और व्यक्ति, हेपेटाइटिस के किस स्ट्रेन से पीड़ित है, इसका पता लगाने के लिए लीवर की पूरी तरह से जांच करने के लिए वायरल सेरोलॉजी के तहत कई प्रकार के रक्त परीक्षण किए जाते हैं. रक्त की जांच आक्रमण करने वाले वायरस के विशिष्ट मार्करों और इसकी एंटीबॉडी के लिए की जाती है, जो उनसे लड़ता है. इस तरह के परीक्षण हेपेटाइटिस से पीड़ित रोगी में बीमारी के लंबे समय तक प्रबंधन और उपचार की सफलता पर निगरानी रखने के लिए उपयोगी साबित होते हैं. इसके साथ रक्त से एंटीजन का गायब होना इस बात का संकेत है कि संक्रमण ठीक हो रहा है.
हेपेटाइटिस के लक्षण-
- स्किन या आंखों के सफेद हिस्से का पीला पड़ जाना
- भूख कम लगना या न लगना
- बार-बार उल्टी जैसा मन होना
- एक सप्ताह या से ज्यादा दिन तक बुखार का चढ़ा रहना
हेपेटाइटिस से बचाव के तरीके-
हेपेटाइटिस से संक्रमित मरीज को डॉक्टर से नियमित जांच करवानी चाहिए. यह संक्रमण मॉनसून के दौरान अधिक फैलता है, इसलिए इस मौसम में तैलीय, मसालेदार, मांसाहारी और भारी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. फास्ट फूड केक, पेस्ट्री, चॉकलेट्स, एल्कोहॉल आदि से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा हरि सब्जियां, विटमिन सी युक्त खट्टे फल, पपीता, नारियल पानी, सूखे खजूर, किशमिश, बादाम और इलायची का अच्छे से सेवन करना चाहिए.