तेलुगु पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष दशमी को हनुमान जयंती मनाई जाती है. दक्षिण भारत में आज यानी 17 मई को हनुमान जयंती मनाई जा रही है. तेलुगु समाज के लोग इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करते हैं. हनुमान को सबसे दयालु और प्रसन्न होने वाला देव समझा जाता है. हालांकि अगर उनकी पूजा अर्चना में लापरवाही की जाए तो वह जल्दी ही क्रोधित भी हो जाते हैं. आइए आपको बतात हैं हनुमान जयंती पर कौन से 10 काम करने से परहेज करना चाहिए.
1. बहुत कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि हनुमान जी की पूजा में कभी भी चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता है. इसलिए पूजा के वक्त ऐसा करने से बचें.
2. हनुमानजी की पूजा उस समय वर्जित मानी जाती है जब सूतक लगा हो. सूतक तब माना जाता है जब परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए. सूतक के 13 दिनों में हनुमान जी पूजा नहीं करनी चाहिए.
3. हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त को मंगलवार या हनुमान जयंती के व्रत वाले दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दान में दी गई वस्तु, विशेष रूप से मिठाई का स्वयं सेवन न करें.
4. हनुमान जी की पूजा करते समय काले और सफेद रंग के कपड़े ना पहनें. बजरंगबली की पूजा में लाल और पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है.
5. हनुमानजी की पूजा करते समय ब्रह्राचर्य व्रत का पालन करना आवश्यक होता है. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी होने की वजह से स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते थे. ऐसे में पूजा के दौरान स्त्रियों को हनुमान जी को स्पर्श नहीं करना चाहिए.
6. हनुमान जयंती पर खंडित और टूटी हुई मूर्ति की पूजा बिल्कुल ना करें. अगर हनुमान जी की कोई तस्वीर फटी हुई है तो उसे हटा दें.
7. हनुमान जयंती पर भूलकर भी मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
8. दिन के वक्त सोने से परहेज करें. संभव हो तो हनुमान चालीसा का पाठ करें.
9. हनुमान शांति प्रिय आसानी से प्रसन्न होने वाले देव हैं. इसलिए घर में बिल्कुल भी कलह ना करें. अशांति से शनि प्रकोप बढ़ सकता है.
10. इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करें और हनुमान की सच्चे मन से उपासना करें.
हनुमान चालीसा में कई ऐसे रहस्य छिपे हुए हैं जिनकी मदद से व्यक्ति अपनी लाइफ की बड़ी से बड़ी परेशानी दूर कर सकता हैं. इस हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा की इन 6 चौपाइयों का जाप करने से आपको लाभ मिल सकता है.
भूत-पिशाच निकट नहीं आवे।
महाबीर जब नाम सुनावे।।
यदि व्यक्ति को किसी भी प्रकार का भय परेशान कर रहा है तो वो रोजाना प्रातः और सायंकाल में 108 बार इस चौपाई का जाप किया करें. ऐसा करने से हर तरह के भय से मुक्ति मिलती है.
नासे रोग हरे सब पीरा।
जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।
यदि कोई व्यक्ति बीमारियों से घिरा रहता है या किसी बड़ी बीमारी की चपेट में आ गया है तो उसे निरंतर सुबह-शाम 108 बार इस चौपाई का जप करें. मंगलवार को हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोगों से मुक्ति मिलती है.
अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
हनुमान जी आठ सिद्धि और नौ निधियों को देने वाले भगवान हैं. हनुमान जी को यह वरदान माता सीता ने दिया है. यदि जीवन में व्यक्ति को शक्तियों की प्राप्ति करनी है तो रोजाना, ब्रह्म महूर्त में आधा घंटा, इन पंक्तियों का जप करने से लाभ मिलता है.
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्रजी के काज संवारे।।
यदि कोई व्यक्ति शत्रुओं से परेशान हैं या व्यक्ति के कार्य नहीं बन पा रहे हैं तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए.
बिद्यबान गुनी अति चातुर।
रामकाज करीबे को आतुर।।
यदि किसी व्यक्ति को विद्या और धन चाहिए तो निम्न पंक्तियों के जप से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है. विद्या प्राप्त करने के लिए इस चौपाई का प्रतिदिन 108 बार जप करें.
'सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।'
इसका अर्थ है कि जो भी आपकी शरण में आता है, उन सब लोगों को आनन्द की प्राप्ति होती है. जब आप किसी व्यक्ति के रक्षक बन गए है तो फिर उसे किसी और से डरने की क्या जरूरत है.