आज देशभर में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र शुभ मुहूर्त देखकर ही बांधना चाहिए. इसके राहुकाल और भद्रा के समय राखी बांधने से बचना चाहिए. भद्रा काल में राखी ना बांधने की वजह लंकापति रावण से जुड़ी है. कहते हैं कि रावण ने भद्राकाल में ही अपनी बहन से राखी बंधवाई. इस घटना के एक वर्ष बाद ही रावण का विनाश हो गया था. इसलिए भद्रा में राखी ना बांधें.
कब होगी भद्रा?
ज्योतिर्विद कमल नंदलाल का कहना है कि सुबह 5 बजकर 44
मिनट से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक भद्रा रहेगी, जिसमें बिल्कुल भी राखी राखी
ना बांधें. राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा करें.
क्या है शुभ मुहूर्त?
रक्षाबंधन
पर राखी बांधने के दो सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त होंगे. राखी बांधने का
सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 11 बजकर 28 मिनट तक
रहेगा. इसके बाद शाम को 3 बजकर 50 मिनट से शाम 5 बजकर 15 मिनट तक राखी बांध
सकते हैं.
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कैसा होना चाहिए रक्षा सूत्र?
रक्षासूत्र तीन धागों
का होना चाहिए. लाल पीला और सफेद. अन्यथा लाल और पीला धागा तो होना ही
चाहिए. रक्षासूत्र में चन्दन लगा हो तो बेहद शुभ होगा. कुछ न होने पर कलावा
भी श्रद्धा पूर्वक बांध सकते हैं.
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कब तक हाथ से ना खोलें राखी?
रक्षासूत्र
बांधने के बाद कम से कम एक पक्ष तक इसे बांधे रखें. अगर अपने आप खुल जाए
तो इसे सुरक्षित रख लें. बाद में इसे बहते जल में प्रवाहित कर दें या मिट्टी
में दबा दें.
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