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पूजापाठ

Dhanteras 2020: धनतेरस पर ऐसे करें कुबेर कुंजी की स्थापना, बढ़ता जाएगा धन

aajtak.in
  • 12 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST
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13 नवंबर को पूरे देश में धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन को धन त्रयोदशी या धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है. खरीदारी के लिए ये दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. धनतेरस के दिन ज्यादातर लोग बर्तन खरीदते हैं. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की भी पूजा की जाती है.
 

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शास्त्रों में कहा गया है कि जिस तरह देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न  हुई थीं, उसी तरह भगवान धन्वंतरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए थे. भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए ही धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है.
 

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वहीं कुबेर देव को धन का देवता कहा जाता है. उन्हें  पृथ्वी लोक पर मौजूद समस्त संपदा का स्वामी माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनतेरस के दिन कुबेर कुंजी की स्थापना करने से कुबेर देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. धनतेरस के दिन कुबेर देव का आशीर्वाद मिलने से जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है.
 

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कुबेर कुंजी की स्थापना के नियम- धनतेरस के दिन कुबेर कुंजी की स्थापना करना बहुत ही शुभ माना जाता है.  कुबेर कुंजी की स्थापना शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. स्थापना के बाद कुबरे कुंजी की पूजा करें. इस पर हल्दी और सिंदूर चढ़ाकर माता महालक्ष्मी की आराधना करें.
 

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पूजा के बाद कुबेर कुंजी को अपने पर्स या तिजोरी में रखें. धनतेरस के दिन कुबेर कुंजी की स्थापना करने से आप पर हमेशा कुबेर देव की कृपा बनी रहेगी और आपको जीवन में कभी भी धन का अभाव नहीं होगा. कुबेर देव की कृपा से आपकी स्थिति बेहतर होती जाएगी.
 

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कुबेर कुंजी की स्थापना करते समय इसे दूध, दही, शहद, घी और गंगा जल से स्नान कराएं. इसके बाद विधिवत तरीके से कुबेर कुंजी की पूजा करें. पूजा करने के बाद दक्षिण की तरफ मुंह करके 'ॐ कुबेराय नम:' मंत्र का जाप करें.
 

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कुबेर कुंजी की स्थापना धनतेरस या फिर दिवाली के दिन ही करना शुभ होता है. अगर आप दिवाली के दिन इसकी स्थापना कर रहे हैं तो मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के बाद ही इसे अपने पूजा स्थल, धनकोष या तिजोरी में रखें.
 

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