
चारा घोटाले के एक मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 23 दिसंबर को दोषी करार दिए जाने के बाद फिलहाल वह रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद है. रांची की विशेष सीबीआई अदालत शुक्रवार या शनिवार को लालू की सजा पर फैसला सुना सकती है लेकिन जिस तरीके से लालू के दोषी करार दिए जाने के बाद आरजेडी के कुछ नेताओं ने जज के फैसले को जाति से जोड़ दिया उसको लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है.
विशेष सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव , रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी को अवमानना का नोटिस जारी किया है और उन्हें 23 जनवरी को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा है. इन सभी नेताओं ने जज शिवपाल सिंह के लालू को दोषी देने के फैसले को जातिगत फैसला बताया था. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ब्राह्मण है, इसलिए जज ने उन्हें बरी कर दिया और लालू पिछड़ी जाति से आते हैं तो उन्हें दोषी करार दे दिया.
इसी मुद्दे पर जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने की पूरी आजादी है. लेकिन भारतीय संविधान में न्यायपालिका जैसा एक संस्थान बनाया है, जिसपर हर किसी को अपनी आस्था रखनी चाहिए. संजय सिंह ने कहा कि दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव पर सजा का ऐलान क्या होना है उनके दल के तमाम नेता भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. न्यायपालिका जैसे संस्थान पर लगातार सवाल उठा रहे हैं.
संजय सिंह ने कहा कि विशेष सीबीआई जज शिवपाल सिंह की अदालत में लालू पर सजा का फैसला जात, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर हो रहा है. संजय सिंह ने कहा कि जैसे ही कोई व्यक्ति न्यायधीश बनता है वहां किसी जात, धर्म या किसी संप्रदाय का नहीं होता है, बल्कि वह केवल न्याय करने के लिए न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठता है. संजय सिंह ने कहा कि न्यायपालिका पर सवाल उठाकर आरजेडी के बड़बोले नेता राजनीति की मर्यादा को गिरा रहे हैं.
लालू पर सजा के ऐलान से पहले संजय सिंह ने कहा कि जब लालू ने चारा घोटाला किया होगा तो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि घोटाला के लिए उन्हें अलग-अलग सजा मिलेगी. उन्होंने कहा कि चारा घोटाले के माध्यम से लालू ने पूरे बिहार में घूम-घूमकर सरकारी खजाने से अवैध पैसे की निकासी की थी और अब जब अलग-अलग कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सुनवाई हो रही है तो उनके नेता कहते हैं कि जब घोटाला एक है तो सजा अलग अलग कैसे हो सकती है?